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छत्तीसगढ़ में मोबाइल फोन कनेक्शनों की संख्या बढ़ी 

छत्तीसगढ़ में मोबाइल फोन कनेक्शनों की संख्या एक करोड़ 66 लाख 65 हजार तक पहुंच ई है। राज्य निर्माण के समय वर्ष 2000 की स्थिति में प्रदेश में मोबाइल फोन कनेक्शनों की संख्या लगभग नहीं के बराबर थी।

छत्तीसगढ़ में मोबाइल फोन कनेक्शनों की संख्या बढ़ी 
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रायपुर। छत्तीसगढ़ में मोबाइल फोन कनेक्शनों की संख्या एक करोड़ 66 लाख 65 हजार तक पहुंच ई है। राज्य निर्माण के समय वर्ष 2000 की स्थिति में प्रदेश में मोबाइल फोन कनेक्शनों की संख्या लगभग नहीं के बराबर थी। मोबाइल फोन की बढ़ती लोकप्रियता के फलस्वरूप राज्य में वर्ष 2000 से 2016 के बीच लैण्डलाइन कनेक्शनों की संख्या दो लाख 80 हजार से घटकर एक लाख 92 हजार 867 हो गई है। राज्य में टेलीफोन घनत्व (टेली-डेंसिटी) 65.92 प्रतिशत और राष्ट्रीय औसत 80.44 प्रतिशत है।

सरकारी सूत्रों ने आज यहां बताया कि केन्द्र सरकार के सहयोग से राज्य शासन द्वारा छत्तीसगढ़ में संचार क्रांति को बढ़ावा देने के लिए मोबाइल संचार नेटवर्क का लगातार विकास और विस्तार किया जा रहा है। भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) द्वारा नेशनल ऑप्टिक फाइबर नेटवर्क के जरिए 2000 से ज्यादा ग्राम पंचायतों को जोड़ा जा रहा है।

उन्होने बताया कि राज्य सरकार के सूचना और प्रौद्योगिकी विभाग की संस्था छत्तीसगढ़ इन्फोटेक प्रमोशन सोसायटी (चिप्स) द्वारा प्रदेश में पांच हजार से ज्यादा लोक सेवा केन्द्र संचालित किए जा रहे हैं, जिनमें जाति और निवास प्रमाण पत्र, विवाह प्रमाण पत्र, जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने सहित 37 प्रकार की सरकारी सेवाएं आम जनता को ऑनलाइन दी जा रही है।

सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री डॉ.रमन सिंह ने डिजिटल भारत अभियान को बढ़ावा देने के लिए राज्य में सूचना क्रांति योजना (स्काई) की भी घोषणा की है। इस योजना के तहत 45 लाख गरीबों, महिलाओं और कॉलेज स्तर के विद्यार्थियों को निःशुल्क स्मार्ट फोन देने की तैयारी की जा रही है।

छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है जिसने अपने यहां संचार नेटवर्क के विस्तार के लिए सूचना प्रौद्योगिकी का नेटवर्क तैयार किया है। राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक से अधिक घरों में फोन की सुविधा देना भी इस योजना का उददेश्य है। योजना के तहत दिए जाने वाले स्मार्ट फोन के जरिए लोग सरकार की विभिन्न हितग्राहीमूलक योजनाओं का फायदा जल्द से जल्द प्राप्त कर सकेंगे।

संचार नेटवर्क के विस्तार के फलस्वरूप योजनाओं का आर्थिक लाभ सीधे डीबीटी (प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण) प्रणाली के जरिए हितग्राहियों तक पहुंचाना भी राज्य सरकार के लिए काफी आसान होता जा रहा है। इसका प्रत्यक्ष उदाहरण पिछले माह अक्टूबर में बोनस तिहार में देखा गया। सरकार ने किसानों को वर्ष 2016 के धान का बोनस देने के लिए सभी 27 जिलों में बोनस तिहार मनाया जिसमें 58 लाख से ज्यादा किसानों को 300 रूपए प्रति क्विंटल की दर से 2100 करोड़ रूपए का बोनस एक क्लिक पर ऑनलाइन दिया गया। यह राशि इंटरनेट के जरिए सीधे उनके खातों में जमा हो गयी।

राज्य में अगले माह दो दिसंबर से शुरू हो रहे लगभग 11 दिनों के तेंदूपत्ता बोनस तिहार में भी मुख्यमंत्री और प्रदेश सरकार के मंत्रिगण लगभग 11 लाख तेंदूपत्ता संग्राहकों को करीब 275 करोड़ रूपए का बोनस इसी तरह ऑनलाइन वितरित करेंगे।


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