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अवैध रूप से अमेरिका में घुस रहे भारतीयों की संख्या पांच गुना बढ़ी

अमेरिका में अवैध रूप से घुसने के दौरान पकड़े जाने वाले भारतीयों की संख्या में तीन साल में पांच गुना उछाल आया है. स्पष्ट है कि अभी भी बड़ी संख्या में लोग भारत छोड़ कर अमेरिका चले जाना चाह रहे हैं, चाहे उसकी कीमत जो भी हो.

अवैध रूप से अमेरिका में घुस रहे भारतीयों की संख्या पांच गुना बढ़ी
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अमेरिका के कस्टम्स एंड बॉर्डर प्रोटेक्शन विभाग के ताजा आंकड़ों के मुताबिक 2023 में 96,917 भारतीय नागरिकों को अमेरिका में अवैध रूप से घुसने की कोशिश में पकड़ा गया. यह आंकड़ा अक्टूबर 2022 से सितंबर 2023 के बीच की अवधि का है.

टाइम्स ऑफ इंडिया अखबार में छपे इन आंकड़ों के मुताबिक यह एक नया रिकॉर्ड है और तीन साल पहले के आंकड़ों में पांच गुना उछाल है. 2019-20 में ऐसे लोगों की संख्या सिर्फ 19,883 थी.

जान का जोखिम

ताजा मामलों में 41,770 भारतीय मेक्सिको की सीमा से पकड़े गए और 30,010 कनाडा की सीमा से. बाकी लोगों को अमेरिका में घुसने के बाद पकड़ा गया. अखबार के मुताबिक अधिकारियों का मानना है कि यह सिर्फ वो मामले हैं जो सामने आए. ऐसे भारतीयों की असली संख्या इससे कहीं ज्यादा हो सकती है.

आंकड़ों के मुताबिक इन लोगों में सबसे ज्यादा संख्या एकल वयस्कों की है. 2022-23 में इस श्रेणी के 84,000 लोग पकड़े गए. सबसे ज्यादा चिंता की बात यह है कि 730 बच्चे भी पकड़े गए हैं जो अकेले थे, यानी उनके साथ उनके परिवार का कोई भी सदस्य नहीं था.

कानून के उल्लंघन के अलावा इस तरह की कोशिशों में चिंता की बात यह भी है कि अमेरिका में अवैध तरीके से घुसने के तरीके काफी खतरनाक हैं. हाल के सालों में इन कोशिशों में लगे कई लोगों की जान भी जा चुकी है, जिनमें भारतीय लोग भी शामिल हैं.

जनवरी, 2022 में अमेरिका और कनाडा की सीमा के बीच एक भारतीय परिवार के चार लोगों की सर्दी से जमकर मौत हो गई थी. यह परिवार गुजरात का रहना वाला था. मरने वालों में 39 और 37 साल के दो वयस्क और 11 और 3 साल के दो बच्चे शामिल थे.

अमेरिका जाने की बेचैनी

अधिकारियों का मानना है कि अवैध तरीके से प्रवेश करने की कोशिश करने वाले भारतीय लोगों में सबसे बड़ी संख्या गुजरात और पंजाब से जाने वाले लोगों की है. गांधीनगर में पुलिस अधिकारी एके झाला कहते हैं लोग अमेरिका और कनाडा जाने के लिए अपना घर और जमीन तक बेच रहे हैं.

द क्विंट वेबसाइट की एक रिपोर्ट के मुताबिक सिर्फ 3,000 लोगों की आबादी वाले गुजरात के एक गांव डींगुचा के कम से कम 500 लोग अमेरिका में रहते हैं. मेहसाणा, खेड़ा और आनंद जैसे जिलों में कई गांव हैं जिन्हें "एनआरआई गांव" कहा जाता है, क्योंकि वहां के अधिकांश लोग अमेरिका में रहते हैं.

रिपोर्ट के मुताबिक वहां के लोगों का मानना है कि अमेरिका पहुंच जाने से उनकी सामाजिक और आर्थिक स्थिति बेहतर हो जाएगी. मेक्सिको के रास्ते अवैध रूप से अमेरिका पहुंचाने के लिए एजेंट 70-75 लाख रुपये प्रति व्यक्ति लेते हैं. लेकिन लोग ना खर्च देख कर पीछे हटते हैं, ना खतरा.


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