एनटीपीसी भू-विस्थापितों का आंदोलन शुरू
जनआंदोलन की आंच के बीच पुसौर ब्लॉक जो की रायगढ़ जिले का महत्वपूर्ण ओधोगिक एरिया के साथ रायगढ़ विधानसभा का हृदयस्थल ही है

जूतों की होली जलाकर किया विरोध
रायगढ़। जनआंदोलन की आंच के बीच पुसौर ब्लॉक जो की रायगढ़ जिले का महत्वपूर्ण ओधोगिक एरिया के साथ रायगढ़ विधानसभा का हृदयस्थल ही है जिसमे देश के महत्वपूर्ण व् सबसे बड़े ऊर्जा उद्योग की स्थापना एन. टी.पी.सी.-लारा योजना की स्थापना इस एरिया के विकास के लिए हुयी थी पर भू-विस्थापितों का आरोप है की प्रबंधन-एन. टी.पि.सी. की मंशा दमनात्मक व् धोखा पूर्ण है इसी के कारण भू-विस्थापितों ने करो या मरो की नीति के तहत धरना-अनशन व् आमरणअनशन क्रमश आंदोलन की शुरुवात आज से की है।
एनटीपीसी उद्योग प्रभावित गाँव सहित आस-पास के दर्जनों गाँव में एन.टी.पी.सी की वादाखिलाफी को लेकर किसानों का असंतोष बढ़ता जा रहा है। गौरतलब यह भी है की स्थापित किए गए प्लांट के लिए सैकड़ों किसानों की कीमती कीमतें जमीनें तो ले ली गईं पर शर्त के मुताबिक आज तक एक भी परिवार को नौकरी नहीं दी गई है। जिसके कारण किसानों में शासन-प्रशासन और एनटीपीसी प्रबंधन के खिलाफ भारी आक्रोश है।
पूर्व घोषित आंदोलन के अनुसार आज छपोरा हड़ताल चौक में लगभग 150 भू-विस्थापित परिवार के पीड़ित इस विशाल जन आंदोलन मैं समर्थन देने आए और आंदोलन को सफल बनाने के लिए सहयोग प्रदान करने की बात कही और सभी शाम 4 बजे भू-विस्थापितों के द्वारा भीख में प्राप्त पुराने जूतों की आज होली जलाकर विरोध प्रदर्शन किया गया
जिसमें सब एकजुट होकर इस आंदोलन को सफल बनाने के लिए इक हुए और सभी ने एक स्वर से केंद्र सरकार के इस उदयोग के खिलाफ आवाज बुलन्द की इसमें राज्य सरकार की भूमिका में भी सन्देह है जो बेरोजगार बनाने वाली कंपनी एनटीपीसी परियोजना लारा के खिलाफ कुछ नही कर रही है। जिला प्रशासन की निष्क्रियता ही है
जो वह सन् 2012 से एनटीपीसी जैसे सार्वजनिक उपक्रम में सरकार के आदर्श पुनर्वास नीति लागू नहीं करवा पाई और आज पर्यंत तक छत्तीसगढ़ पुनर्वास योजना का निर्धारण नहीं होना जिला प्रशासन की निष्क्रियता एवं उदासीनता को प्रदूषित करता है जिसके लिए क्षेत्र की जनता अपने हक के लिए निरंतर संघर्षरत हैं। प्रशासन मूकदर्शक भी बना हुआ है
जिसके कारण पिछले कई वर्षों से पिडितजन संघर्षरत है जहाँ एक ओर सरकार राज्य की आदर्श पुनर्वास नीति को देश की सर्वश्रेष्ठ नीति घोषित कर स्वयं की पीठ थपथपा रही है वहीँ चिराग तले अँधेरा की परिस्थिति रायगढ़ जिले में है।
पीड़ितों-समिति एवं क्षेत्र की जनता ने अब 20 मार्च से बृहद जन आंदोलन की शुरुआत कर दी है और सभी से सबकी उपस्थिति व् सहयोग की अपेक्षा की है। उक्ताशय की जानकारी जगदीश सिदार ने दी है।


