एनआरसी भारत का आंतरिक मामला : बीजीबी प्रमुख
ज्वाइंट रिकॉर्ड पर 49वें डीजी लेवल के द्विपक्षीय बॉर्डर कोऑर्डिनेशन कांफ्रेंस के दौरान हस्ताक्षर किया गया।

नई दिल्ली| भारत के दौरे पर आए बॉर्डर गार्ड्स बांग्लादेश (बीजीबी) प्रमुख मेजर जनरल मोहम्मद शफीनुल इस्लाम ने यहां रविवार को कहा कि विवादास्पद राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) की प्रक्रिया का असम में प्रयोग भारत के 'राजनीतिक' के साथ-साथ 'आंतरिक मामला' है। इस्लाम ने भारतीय अर्धसैनिक बल के साथ ज्वाइंट रिकॉर्ड ऑफ डिस्कशन पर हस्ताक्षर करने के बाद सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के साथ एक संयुक्त प्रेस वार्ता के दौरान एक सवाल के जवाब में यह प्रतिक्रिया दी।
ज्वाइंट रिकॉर्ड पर 49वें डीजी लेवल के द्विपक्षीय बॉर्डर कोऑर्डिनेशन कांफ्रेंस के दौरान हस्ताक्षर किया गया। बॉर्डर कोऑर्डिनेशन कांफ्रेंस एक पांच दिवसीय कार्यक्रम है, जो 26 दिसंबर को शुरू हुआ। इस कार्यक्रम के लिए बीजीबी का 11 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल राष्ट्रीय राजधानी में 25 दिसंबर को पहुंचा।
यह पूछे जाने पर कि बीजीबी नए हालात में अगर बड़ी संख्या में बांग्लादेशी प्रवासी नागरिकों की एनआरसी के दौरान पहचान होती है तो वह कैसे निपटेगी? इस पर इस्लाम ने कहा, "यह (एनआरसी) पूरी तरह से भारत सरकार का अंदरूनी मामला है। मुझे इस पर कोई टिप्पणी नहीं करनी है, क्योंकि हम सीमा की सुरक्षा करने वाले पेशेवर बल हैं और ये पूरी तरह से राजनीतिक मुद्दे हैं।"
हालांकि, बीजीबी महानिदेशक ने कहा कि उनका बल मुद्दे से निपटने के लिए कार्य करेगा, जैसे एक सीमा सुरक्षा बल करता है।
इस्लाम ने कहा कि बीएसएफ और उनके बल के बीच सहयोग अच्छा है और दोनों सेनाएं भारत में अवैध क्रॉसिंग को रोकने के लिए अपना काम जारी रखेंगी।
भारत ने असम में एनआरसी बनाया है, जिसमें भारतीय नागरिकों के नाम है, जबकि भारतीय के रूप में अपनी पहचान साबित नहीं करने वालों को बाहर कर दिया गया है।
इस रजिस्टर से 19 लाख लोग बाहर है और इसे लेकर ढाका में चिंता है कि बांग्लादेश को इन लोगों को लेने के लिए कहा जा सकता है।


