ऊंचाहार एनटीपीसी का बॉयलर फटा, 30 की मौत, 100 घायल
नेशनल थर्मल पावर कारपोरशन (एनटीपीसी) की ऊंचाहार इकाई में बॉयलर फटने से लगी भीषण आग ने 30 से अधिक लोगों की जान ले ली

- रतिभान त्रिपाठी
लखनऊ/रायबरेली। नेशनल थर्मल पावर कारपोरशन (एनटीपीसी) की ऊंचाहार इकाई में बॉयलर फटने से लगी भीषण आग ने 30 से अधिक लोगों की जान ले ली। एनटीपीसी द्वारा 8 लोगों की मौत की ही पुष्टिï की गई है। आग इतनी भयावह थी कि देखते ही देखते उसने लंबे दायरे को चपेट में ले लिया जिससे तकरीबन 100 लोग घायल हो गए। अग्निकांड में मारे जाने और घायल होने वालों में एनटीपीसी कर्मचारियों से ज्यादा बाहरी मजदूर बताए गए हैं जो मध्य प्रदेश और बिहार से आकर यहां काम करते हैं। घायलों में एनटीपीसी के अधिकारी भी शमिल हैं। हादसे के बाद राहत और बचाव कार्य जारी है।
सुरक्षा कर्मियों ने दुर्घटनाग्रस्त यूनिट को घेर लिया है। किसी को भीतर जाने नहीं दिया जा रहा है। कुछ घायलों को लखनऊ के टा्रमा सेंटर में भर्ती कराया गया है तो कुछ को रायबरेली और ऊंचाहार के स्थानीय अस्पतालों में भी भर्ती कराया गया है। बहुतेरे मजदूर राख के ढेर में भी दबे बताए जा रहे हैं। हादसे की जानकारी मिलने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मारीशस से अपनी शोक संवेदना भेजी है और मृतकों के आश्रितों को दो-दो लाख रुपये और घायलों को 25-25 हजार रुपये की आर्थिक मदद की घोषणा भी की है। पूरे क्षेत्र में अलर्ट जारी कर दिया गया है। उत्तर प्रदेश के गृह सचिव समेत पुलिस अफसर व रायबरेली प्रशासन मामले में नजर बनाए हुए है।
एनटीपीसी ऊंचाहार की छठी यूनिट 500 मेगावाट की है। हादसा इसी यूनिट में हुआ। हादसे के फौरन बाद शुरू हुए राहत और बचाव कार्य में ऊंचाहार सीएचसी से लेकर जिला अस्पताल तक अलर्ट जारी कर दिया गया। सभी डॉक्टरों और पैरा मेडिकल स्टाफ को आपातकालीन ड्यूटी पर बुला लिया गया है। 25 घायलों को एनटीपीसी के अस्पताल में, बाकी को दूसरे अस्पतालों में भेजा गया है। घटना के बाद से चारो तरफ करुण क्रंदन है। घायलों के परिजनों की भीड़ भी अस्पतालों में उमड़ पड़ी है। लखनऊ के केजीएमयू में पचास बेड आरक्षित किए गए हैं। मुख्यमंत्री योगी अदित्यनाथ ने प्रमुख सचिव गृह को निर्देश दिए हैं कि हादसे के पीड़ितों को हर संभव राहत पहुंचाई जाए।
एनटीपीसी की छठी यूनिट में हादसे के बाद मौत के इस मंजर ने लोगों की रूह कंपा दी है। वहां चीख पुकार और दहाड़ मारकर रोने की आवाजें ही आवाजें हैं। करीब साल भर पहले शुरू हुई इस यूनिट के बारे में लोगों को क्या पता था कि यह कर्मचारियों और मजदूरों का श्मशान साबित होगी। तब तो जश्न मनाया गया था। उम्मीदें थी कि बिजली उत्पादन और बढ़ेगा लेकिन बुधवार की शाम यहां के लोगों के लिए मौत का पैगाम लेकर आई।
90 फिट ऊंचे बॉयलर से जब कोयले की राख लावा सरीखी गिरी तो उसने पूरे एनटीपीसी को हिलाकर रख दिया। नीचे काम करने वाले मजदूर तो समझ ही नहीं पाए कि उनके सिर पर मौत इस तरह नाच उठेगी। तपती राख का ढेर जमीन पर गिरने लगा तो जमीन भी दरक उठी। धुंआ और चीख-पुकारों ने से पूरा परिसर गूंज उठा। हल्ला-गुहार मचा तो यूनिट के अधिकारी व कर्मचारी सब बचाव कार्य में जुट गए। घायलों को जब कोई उठाता था तो उसके शरीर की उधड़ी खाल हाथों में चिपक जाती, फिर भी हिम्मत करके लोग सहारा देते नजर आए।


