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अब भ्रष्टाचार के खिलाफ भी करना होगा काम : योगी

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कानून व्यवस्था पर दुरूस्त करने के बाद उनकी सरकार अब भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम झेड़ेगी

अब भ्रष्टाचार के खिलाफ भी करना होगा काम : योगी
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लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कानून व्यवस्था पर दुरूस्त करने के बाद उनकी सरकार अब भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम झेड़ेगी।

गणतंत्र दिवस के मौके पर अपने सरकारी आवास में ध्वजारोहण करने के बाद श्री योगी ने गुरुवार को कहा कि यह पर्व हमको चिंतन और मनन करने का अवसर प्रदान करता है। पूरे प्रदेशवासियों से अपील है कि वो अपने कर्तव्यों का निर्वहन ईमानदारीपूर्वक करें। शासन की योजनाओं को प्रदेशवासियों तक पहुंचाने में मदद करें। एक नए यूपी को देश और दुनिया के सामने स्थापित करने की दिशा में महत्वपूर्ण अभियान को आगे बढ़ाएं।

उन्होने कहा कि देश के सामने सबसे बड़ी चुनौती जातिवाद, भाषावाद, क्षेत्रवाद और किसी भी प्रकार की मत व मजहब विभाजन जैसी विकृति मानसिकता को दूर करना है। विगत वर्षों में इसमें काफी हद तक सफलता प्राप्त हुई है। आज उत्तर प्रदेश बेहतरीन कानून व्यवस्था, दंगा मुक्त प्रदेश के रूप में अपने आपको स्थापित करने में सफल हुआ है। इसका परिणाम उत्तर प्रदेश को निवेश के बेहतरीन गंतव्य के रूप में मिली पहचान है। आज पूरी दुनिया प्रदेश की तरफ आशावादी निगाहों से देख रही है। अब हमें भ्रष्टाचार के खिलाफ भी उसी तर्ज पर काम करना है, जैसे कानून व्यवस्था को स्थापित किया गया है।

श्री योगी ने कहा कि गणतंत्र दिवस विरासत के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करने का एक अवसर है। भारत माता के उन महान सपूतों, अमर बलदानियों और महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को नमन करने का अवसर है। हम सभी को लोकतंत्र की भावनाओं को समझना होगा जिसके कारण पूरी दुनिया भारत की ओर आशा भरी निगाहों से देखती है। इस उत्सव ने हम सभी को इस बात का अहसास कराया है कि देश भले ही 15 अगस्त 1947 को आजाद हुआ लेकिन लोकतंत्र के प्रति इसकी आस्था आदिकाल से रही है। लोकतंत्र के प्रति भारत की जड़ें उतनी ही गहरी और सुदृढ़ हैं जितनी मानवता के इतिहास की जड़ें मजबूत हैं।

उन्होने कहा कि 26 नवंबर 1949 को भारत का संविधान बनकर तैयार हुआ। डॉ. राजेंद्र प्रसाद की अध्यक्षता में बनी संविधान निर्माण की समिति और संविधान के एक-एक आर्टिकल और धारा को जैसे माला पिरोने का कार्य होता है उसी तर्ज पर डॉ. भीमराव अंबेडकर के नेतृत्व में प्रतिबद्धता के साथ संपन्न किया गया। इसके प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करने के लिए देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 26 नवंबर की तिथि को संविधान दिवस के रूप में आयोजित करने का निर्णय लिया था।


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