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'अब 'न्यू इंडिया' के नारे पर देश को लूटने की साजिश' : विपक्ष

मध्य प्रदेश में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ क्षेत्रीय विपक्षी दलों में एकजुटता के प्रयास तेज हो गए हैं

अब न्यू इंडिया के नारे पर देश को लूटने की साजिश : विपक्ष
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जबलपुर। मध्य प्रदेश में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ क्षेत्रीय विपक्षी दलों में एकजुटता के प्रयास तेज हो गए हैं। इसी क्रम में जबलपुर में रविवार को गोंडवाना गणतंत्र पार्टी द्वारा रानी दुर्गावती के बलिदान दिवस पर आयोजित रैली में कई क्षेत्रीय दलों के प्रतिनिधि जुटे और उन्होंने केंद्र व राज्य की सरकारों को 'न्यू इंडिया के नारे पर देश को लूटने की साजिश रचने' का आरोप लगाया। यहां के सिविक सेंटर में आयोजित रैली में जुटे गोंडवाना, बहुजन संघर्ष दल और लोकतांत्रिक जनता दल (शरद यादव) के प्रतिनिधियों ने वर्तमान हालात और आदिवासी संस्कृति पर मंडराते खतरों का जिक्र किया।

गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक गुलजार सिंह मरकाम, राष्ट्रीय अध्यक्ष हीरा सिंह मरकाम, कार्यवाहक अध्यक्ष मनमोहन शाह भट्टी ने कहा कि आदिवासी सभ्यता व संस्कृति पर हमला हो रहा है, इसे नहीं बचाया गया तो आदिवासी संस्कृति नष्ट हो जाएगी, इसलिए आदिवासियों की सरकार बनाना जरूरी है और इसके लिए आगामी चुनाव में भाजपा को हराना होगा।

लोकतांत्रिक जनता दल (शरद यादव) के गोविंद यादव ने संवैधानिक लोकतंत्र पर मंडरा रहे खतरे का जिक्र किया और कहा कि हजारों साल पुरानी भारत की सभ्यता व संस्कृति पर भी खतरा है। पहले भारत से इंडिया (इंडिया शाइनिंग) बनाने के नाम पर लूटा और अब 'न्यू इंडिया' के नाम पर लूटने की तैयारी है। इससे देश की लगभग 40 फीसदी आबादी का जीवन नारकीय होने वाला है।

यादव ने आगे कहा कि बहुराष्ट्रीय कंपनियों और धन्ना सेठों ने ईवीएम के जरिए लोकतंत्र पर कब्जा करने की मुहिम चलाई है, इसलिए अब चुनाव मतपत्र से होना चाहिए। इसके साथ ही आदिवासी की आजीविका के साथ जल, जंगल, जमीन को बचाना होना होगा, वहीं पंचायतों और नगरीय निकायों को मजबूत करना होगा।

बहुजन संघर्ष दल के फूल सिंह बरैया ने भाजपा पर हमला बोला और कहा, "हमारा दिल्ली व राज्य की सरकार को हटाने का लक्ष्य है। भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार के चलते संविधान पर संकट है, लिहाजा सत्ताधारी दल हमारा पहला शत्रु है।"

उन्होंने सचेत करते हुए कहा कि संविधान के जरिए जिन लोगों को आरक्षित वर्ग का होने के कारण राजनीतिक भागीदारी मिली है, उन्हें संविधान के अधिकारों के प्रति मुखर होना चाहिए, मगर ऐसा नहीं है, वे मुंह पर पट्टी बांधे हुए हैं। उनकी हालत ठीक वैसी ही है जैसे कुत्ते ने काटना तो दूर, भौंकना तक छोड़ दिया हो।

राज्य में विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा को छोड़कर कांग्रेस व क्षेत्रीय दलों का महागठबंधन बनाने के प्रयास जारी हैं। पहले 17 जून को भोपाल में रैली हुई थी और अब जबलपुर में हुई।


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