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अब 'सुराज हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है’ कहने का वक्त आ गया है: पीएम मोदी 

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश में शासन की गुणवत्ता में सुधार पर बल देते हुए आज कहा कि ‘सुराज हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है’ कहने का वक्त आ गया है

अब सुराज हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है’ कहने का वक्त आ गया है: पीएम मोदी 
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नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश में शासन की गुणवत्ता में सुधार पर बल देते हुए आज कहा कि ‘सुराज हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है’ कहने का वक्त आ गया है।

आकाशवाणी से प्रत्येक माह प्रसारित ‘मन की बात’ कार्यक्रम में पीएम मोदी ने स्वतंत्रता आंदोलन के महान सेनानी लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक के मशहूर नारे ‘स्वराज्य हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है’ का उल्लेख करते हुए कहा कि अब नये भारत के संदर्भ में सुशासन पर जोर देने और ‘सुराज हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है’ कहने का उचित वक्त आ गया है।

उन्होंने कहा, “लोकमान्य तिलक ने देशवासियों में आत्मविश्वास जगाने का काम किया था और नारा दिया था- ‘स्वराज्य हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है और इसे हम लेकर रहेंगे।’आज यह कहने का समय आ गया है- सुराज हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है और हम इसे लेकर रहेंगे।”

पीएम मोदी ने कहा कि प्रत्येक भारतीय को सुशासन और विकास का सकारात्मक लाभ हासिल करने का अधिकार है।

उन्होंने सामाजिक जागरण और सामूहिकता का भाव जगाने के लिए लोकमान्य तिलक के प्रयासों को याद करते हुए कहा, “लोकमान्य तिलक के प्रयासों से ही सार्वजनिक गणेशोत्सव की परम्परा शुरू हुई। सार्वजनिक गणेश उत्सव परम्परागत श्रद्धा और उत्सव के साथ-साथ समाज-जागरण, सामूहिकता, लोगों में समरसता और समानता के भाव को आगे बढ़ाने का प्रभावी माध्यम बन गया था।”

उन्होंने कहा कि वह एक कालखंड था जब जरूरत थी कि देश अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई के लिए एकजुट हो, इन उत्सवों ने जाति और सम्प्रदाय की बाधाओं को तोड़ते हुए सभी को एकजुट करने का काम किया।

उन्होंने महान स्वतंत्रता सेनानी चंद्रशेखर आजाद को भी श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि देश के प्रति आजाद के जज्बे और उनकी बहादुरी देशवासियों को हमेशा प्रेरित करते हैं।


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