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विधानसभा के निलंबित सचिव मुकेश सिंघल को अब कारण बताओ नोटिस जारी

निलंबित सचिव मुकेश सिंघल को अब कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है

विधानसभा के निलंबित सचिव मुकेश सिंघल को अब कारण बताओ नोटिस जारी
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देहरादून। निलंबित सचिव मुकेश सिंघल को अब कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। विधानसभा में पिछले वर्ष 32 पदों पर सीधी भर्ती कराने के लिए एक विवादित एजेंसी का चयन किया गया था और उसे 2 दिन में 59 लाख रुपये का भुगतान के मामले की जांच में सिंघल की भूमिका संदेह के घेरे में पाई गई थी। विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने मुकेश सिंघल को नोटिस भेजे जाने की पुष्टि करते हुए बताया कि निलंबित सचिव मुकेश सिंघल को जवाब देने के लिए 2 सप्ताह का समय दिया गया है।

विधानसभा में पिछले वर्ष हुई 72 तदर्थ नियुक्तियों का मामला तूल पकड़ने पर विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने विधानसभा सचिवालय में हुई सभी भर्तियों की जांच कराई। जांच रिपोर्ट मिलने के बाद 23 सितंबर को वर्ष 2016 से 2021 तक की 228 तदर्थ नियुक्तियां रद कर दी गई थीं। जांच में यह बात सामने आई कि इन नियुक्तियों में नियम-कानूनों का पालन नहीं किया गया। लेकिन अब हटाए गए कर्मियों को नैनीताल हाईकोर्ट से राहत मिलने पर दोबारा ज्वाइनिंग दे दी गई है।

इस के अलावा विधानसभा में गत वर्ष में 32 पदों पर सीधी भर्ती के लिए आवेदन मांगे गए। जिस के बाद 20 मार्च को लिखित परीक्षा भी हुई, लेकिन परिणाम घोषित नहीं किए गए। जांच में यह बात सामने आई कि इस परीक्षा के लिए लखनऊ की विवादित एजेंसी आरएमएस टेक्नोसाल्यूशंस का चयन किया गया। जांच रिपोर्ट के अनुसार एजेंसी के चयन में नियमों व प्रविधानों का उल्लंघन किया गया है। यही नहीं, एजेंसी को बिल प्राप्त होने के 2 दिन के भीतर किया गया 59 लाख रुपये का भुगतान कर दिया गया। जब जांच हुई तो इस मामले में सचिव की भूमिका संदेहास्पद पाई गई थी ।


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