‘उड़ान’ योजना से पंतनगर को बाहर करने पर केंद्र को नोटिस
उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने कुमाऊं के एकमात्र पंतनगर हवाईअड्डा को उड़ान योजना से बाहर करने के मामले में केन्द्र सरकार को जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है

नैनीताल। उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने कुमाऊं के एकमात्र पंतनगर हवाईअड्डा को उड़ान योजना से बाहर करने के मामले में केन्द्र सरकार को जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है। इस मामले में अगली सुनवाई 31 अगस्त को होगी।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजीव शर्मा और न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की युगल पीठ ने साेमवार को मामले की सुनवाई के बाद इस मामले में केन्द्र सरकार से 31 अगस्त तक जवाब पेश करने को कहा है।
मामले के अनुसार अधिवक्ता पंकज मिगलानी ने याचिका दायर कर कहा कि केन्द्र सरकार ने 2016 में छोटे शहरों को हवाई सेवा से जोड़ने के लिये उड़े देश का आम आदमी (उड़ान) नीति के तहत क्षेत्रीय कनेक्टिविटी बढ़ाने की योजना बनायी। इस योजना के तहत जहां देश में क्षेत्रीय कनेक्टिविटी बढ़ाना था वहीं ढांचागत सुविधाओं का विकास भी करना था। इस नीति के अंडर सर्विस एयरपोर्ट के तहत राज्य के पंतनगर हवाईअड्डा को शामिल किया गया था। सूची में उसका 15वां स्थान था।
श्री मिगलानी ने न्यायालय को बताया कि केन्द्र सरकार ने 2017 में योजना को संशोधित किया और अंडर सर्विस एयरपोर्ट की श्रेणी से पंतनगर हवाईअड्डा को बाहर कर दिया। इससे पंतनगर हवाईअड्डा का ढांचागत विकास रूक गया।
याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि पंतनगर से दिल्ली के लिये एकमात्र हवाई सेवा उपलब्ध और सप्ताह में चार उड़ानें हैं। राज्य की राजधानी देहरादून आर्थिक हब है और देहरादून के लिये यहां से एक भी हवाई सेवा उपलब्ध नहीं है। यात्रियों को पंतनगर से दिल्ली होते हुए देहरादून जाना पड़ता है।
याचिकाकर्ता का कहना है कि इसलिये पंतनगर को कम से कम सेवा की सूची से बाहर करना गलत है जबकि पंतनगर हवाईअड्डा नैनीताल शहर में पर्यटन की रीढ़ है। नैनीताल में ही उच्च न्यायालय मौजूद हैै। याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि केन्द्र सरकार का यह कदम गलत है।


