नारे लगाने से कुछ नहीं होगा,काम करना पड़ेगा : चौटाला
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला ने कहा कि नारे लगाने से काम नहीं चलेगा

सिरसा। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला ने रविवार को कहा कि नारे लगाने से काम नहीं चलेगा बल्कि काम करना पड़ेगा क्योंकि नारे तो मैंने जेल में बैठकर भी बहुत लगाए थे। जो लोग रास्ता भटकर कर इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) छोड़कर चले गए थे दुखी हैं,जो लोग चौधरी देवीलाल के विचारों से सहमत हैं वापिस जुडऩा चाहते हैं तो उनसे हमें कोई द्वेष नहीं है,अच्छे लोगों को आप लोग पार्टी से जोड़ो।
श्री चौटाला ने कस्बा कालांवाली में कार्यकर्ता मिलन समारोह के दौरान समर्थकों द्वारा बार बार बजाई जा रही ताली को लेकर प्रकट किये। उन्होंने कहा कि गठबंधन कभी भी टूट सकता है और मध्यावधि चुनाव होगें। इस बार चुनावों में गलती मत करना ऐनक का बटन दबा देना बाकी काम मैं अपने आप कर दूंगा। उन्होंने कहा कि परिवर्तन पद यात्रा के दौरान विभिन्न जिलों में आमजन से रूबरू होने का मौका मिला तो उन्होंने अपनी पीड़ा जाहिर करते हए बताया कि आज न बिजली है,न अस्पतालों में चिकित्सक है,न स्कूलों में शिक्षक हैं,सिंचित व पेयजल का अभाव है। मंहगाई के कारण घर चलाना दुस्सवार हो गया है। इन हालातों में आमजन मौजूदा सरकार से दुखी है ओर सता का बदलाव चाहता है।
उन्होंने कहा कि पहले युवाओं को नौकरी देने के मामले में जेल गया था इस बार सरकार बनने पर युवाओं को फ्री शिक्षा देगें और शिक्षा लेने वाले बच्चों को स्वास्थ्य खराब होता है तो उन्होंने फ्री दवां भी देगें और पढ़े लिखे युवाओं को जब तक नौकरी नही मिलती तब तक 21 हजार रूपए की राशि देने का काम किया जाएगा। हर घर में प्रतिमाह एक गैस सिलेंडर मुफ्त व 11 सौ रूपए अतिरिक्त दिए जाएंगे ताकि हर किसी का चुल्हा जल सके।
श्री चौटाला ने कहा कि अतिवृष्टि से किसान की तबाह हुई फसल के प्रति सरकार संजीदा नहीं है। सरकार किसान को तबाह हुई फसल का मुआवजा देने को तैयार नहीं है। पोर्टल की आड़ लेकर किसानों को गुमराह किया जा रहा है। हर किसान द्वारा पोर्टल पर खराबे की रिर्पोट कर पाना संभव नहीं है। पोर्टल पर रिर्पोट दर्ज करने के नाम पर सरकार के बने केंद्रों पर पैसे लिए जारेह हैं। सरकार को चाहिए कि फसल खराबे की विशेष गिरदावरी करवाकर 50 हजार रुपए प्रति एकड़ अविलम्ब मुआवजा दे वहीं अगली फसल की बुवाई के लिए फ्री बीज उपलब्ध करवाए।


