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1757 असुरक्षित इमारतों पर अब तक नहीं लिया फैसला

फाइले भी भू-लेख व वर्क सर्किल विभाग में मेज के चक्कर काट रही है

1757 असुरक्षित इमारतों पर अब तक नहीं लिया फैसला
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नोएडा। शाहबेरी घटना के बाद प्राधिकरण ने गांव व शहर में तीन मंजिला से अधिक की इमारतों को लेकर एक निरीक्षण अभियान चलाया था। अभियान के तहत कई इमारतों को जर्जर बताया गया।

लेकिन अब तक इन इमारतों को ढहाया नहीं गया है। न ही प्राधिकरण द्वारा इन पर कोई सटीक कार्रवाई की जा रही है। बताया गया कि अभी सर्वे के तहत कागजी कार्य किया जा रहा है। जिसके बाद ही कुछ होगा।

उधर, गांवों की मूल आबादी में 1326 तीन मंजिला से अधिक इमारतों की भी जांच अब तक पूरी नहीं हो सकी है। इन इमारतों का सत्यापन कराया जा रहा था। इसके तहत यह देखा जा रहा था कि यह इमारते प्राधिकरण अधिसूचित क्षेत्र में है या नहीं।

बताते चले शाहबेरी घटना के बाद प्राधिकरण ने चार श्रेणियों में निरीक्षण अभियान चलाया था। पहला असुरक्षित व जर्जर दूसरा अधिसूचित व अर्जित भवन पर अवैध कब्जा तीसरा अधिसूचित व अनार्जित भवन पर बनी इमारत व चौथा ग्राम की मूल आबादी में बनी बहुमंजिला इमारत।

इसके तहत पहली श्रेणी में कुल 56 जर्जर व असुरक्षित भवन मिले थे। इसके साथ ही अधिसूचित व अर्जित क्षेत्र में बहुमंजिला इमारतों की संख्या 114 व अधिसूचित व अनार्जित भवन पर बहुमंजिला इमारतों की संख्या 261 व ग्राम की मूल आबादी में 1326 तीन मंजिला से अधिक की इमारतों को चिन्हित किया गया था।

यानी कुल 1757 इमारतों को असुरक्षित करार दिया गया था। इन इमारतों के खिलाफ प्राधिकरण अब तक कोई कार्यवाही नहीं कर सका है।

इन इमारतों के दस्तावेज वर्क सर्किल व भू-लेख विभाग के बीच चक्कर लगा रही है। ऐसे में यदि इन इमारतों से किसी प्रकार की घटना होती है इसकी जिम्मेदारी किसकी होगी।

प्राधिकरण ने सील की इमारत
बुधवार को प्राधिकरण के वर्क सर्किल-5 द्वारा गिझौड़ में कार्रवाई की गई। यहा एक पांच मंजिला निर्माणाधीन इमारत को सील किया गया। इस दौरान अधिकारियों ने पाया कि इमारत का निर्माण गलत तरीके से किया जा रहा था। इसमे स्ट्रक्चलर खामी थी।

लिहाजा इमारत को सील कर दिया गया है। बताया गया कि इमारत में फ्लैटों का निर्माण किया जा रहा था। यह इमारत किसी विकास सोनी की है।

प्राधिकरण अधिकारियों ने बताया कि इमारत के निर्माण को रोकने के लिए पहले भी नोटिस जारी किया जा चुका था। रिमाइंडर जारी करने के बाद भी इमारत के चौथे व पांचवे फ्लोर के निर्माण का कार्य जारी था। लिहाजा मौके पर पहुंचकर इमारत को सील कर दिया गया।


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