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नोटबंदी से सिर्फ दुख मिला, कोई लाभ नहीं हुआ: शशि थरूर

नोटबंदी से केवल दुख मिला और कोई लाभ हासिल नहीं हुआ। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और तिरुवनंतपुरम से लोकसभा सांसद शशि थरूर ने बुधवार को नोटबंदी की पहली बरसी पर यह बात कही।

नोटबंदी से सिर्फ दुख मिला, कोई लाभ नहीं हुआ: शशि थरूर
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तिरुवनंतपुरम। नोटबंदी से केवल दुख मिला और कोई लाभ हासिल नहीं हुआ। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और तिरुवनंतपुरम से लोकसभा सांसद शशि थरूर ने बुधवार को नोटबंदी की पहली बरसी पर यह बात कही। पार्टी के राज्य मुख्यालय पर मीडिया से बातचीत में थरूर ने कहा, "आज देश के लिए एक दुखद दिन है, क्योंकि आज के दिन ही एक साल पहले लोगों पर दुखों का पहाड़ टूटा था।

नोटबंदी के कारण 130-150 लोगों की मौत हुई, जो या तो बैंक की लाइन में खड़े थे, या फिर जिन्हें पुराने नोट रखने के कारण इलाज नहीं मिल पाया। इसके कारण कई शादियां स्थगित करनी पड़ीं, कई लोगों को नौकरी से हाथ धोना पड़ा और सबसे बुरी तरह प्रभावित दिहाड़ी मजदूर हुए।"

उन्होंने ध्यान दिलाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी का जो-जो फायदा गिनाया था, उसमें से एक भी देखने को नहीं मिला। थरूर ने कहा, "उन्होंने (भाजपा) कहा था कि कई चीजें हो जाएंगी, लेकिन हुआ क्या। यहां तो नकली नोट बढ़ गए। काले धन के मोर्चे पर वास्तव में यह हुआ कि जो काला धन बाहर आया, वह महज 0.013 फीसदी था। जैसा कि महान्यायवादी मुकुल रोहतगी ने अदालत को सूचित किया था कि देश में चार लाख करोड़ रुपये का काला धन है।"

उन्होंने भाजपा की आलोचना करते हुए कहा कि वे नोटबंदी के फायदे को लेकर उत्सव में जुटे हैं।थरूर ने कहा, "जब हम उन्हें उत्सव मनाते देखते हैं, मुझे वास्तव में नहीं पता कि मैं हंसू या रोऊं। हमारे पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने अनुमान लगाया था कि नोटबंदी से जीडीपी को दो फीसदी का नुकसान होगा और अब जब केंद्र और राज्यों के जीडीपी के आंकड़े हैं तो जीडीपी में 2.1 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है। संक्षेप में कहें तो आज शोक का दिन है और इसके लिए मैंने अपनी फोटो हटा दी है और ट्विटर पर अपने प्रोफाइल को काला कर दिया है।"

उन्होंने कहा, "नोटबंदी से सबसे बड़ा फायदा भाजपा को हुआ, क्योंकि वे उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान अन्य दलों से पैसे खींचने में सफल रहे। लेकिन नोटबंदी का असली असर तो अब गुजरात चुनाव के दौरान सामने आएगा।"

थरूर ने कहा, "हिमाचल प्रदेश में तो ज्यादा उद्योग नहीं है। लेकिन गुजरात में ऐसा नहीं है, उसे हमेशा देश की अर्थव्यवस्था के इंजन के रूप में जाना जाता है।"


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