मनरेगा मजदूरी नहीं बढ़ाना श्रमिक अधिकार पर आघात : मल्लिकार्जुन खड़गे
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा है कि मनरेगा श्रमिकों की मजदूरी नहीं बढ़ाना कामगारों के साथ अन्याय है और ऐसा नहीं करके मोदी सरकार अपनी श्रमिक विरोधी नीति के कारण मनरेगा श्रमिकों के अधिकारों पर कुठाराघात कर रही है

नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा है कि मनरेगा श्रमिकों की मजदूरी नहीं बढ़ाना कामगारों के साथ अन्याय है और ऐसा नहीं करके मोदी सरकार अपनी श्रमिक विरोधी नीति के कारण मनरेगा श्रमिकों के अधिकारों पर कुठाराघात कर रही है।
खड़गे ने कहा, "ऐसा लगता है कि जनविरोधी मोदी सरकार ने मनरेगा की मजदूरी बढ़ाने से इनकार कर दिया है। ये मनरेगा श्रमिकों के अधिकारों पर कुल्हाड़ी चलाना है। हाल ही, में संयुक्त संसदीय समिति ने मनरेगा श्रमिकों की रोज़ाना मजदूरी को 400 रुपये करने की सिफारिश की थी। वर्ष 2023 में बनी अमरजीत सिन्हा की उच्च स्तरीय समिति ने भी मजदूरी बढ़ाने और मनरेगा का बजट बढ़ाने का सुझाव दिया था। पर ग़रीब विरोधी मोदी सरकार, एक के बाद एक मनरेगा मज़दूरों पर जुल्म ढ़ाने पर उतारू है। क़रीब सात करोड़ पंजीकृत वर्करों को मनरेगा से आधार आधारित भुगतान की शर्त लगा बाहर करना हो, या फिर 10 सालों में मनरेगा बजट का पूरे बजट के हिस्से में सब से कम आवंटन करना हो, मोदी सरकार ने मनरेगा पर लगातार चोट मारने का काम किया है।"
उन्होंने कहा, "मनरेगा-हमारे देश के सबसे ग़रीब परिवारों के लिए कांग्रेस पार्टी द्वारा लाया रोज़गार की गारंटी का अधिकार है। हम अपनी दो माँगों पर अडिग हैं, मनरेगा श्रमिकों के लिए रोज़ाना 400 रुपये की न्यूनतम मजदूरी तय की जाए और उन्हें साल में कम से कम 150 दिन का काम मिले।"


