एनआरसी की वर्तमान स्थिति से कोई खुश नहीं : गोगोई
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता तथा असम से लोकसभा सांसद गौरव गोगोई ने कहा है कि सरकार ने राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) को लेकर लापरवाही बरती है और इसकी वर्तमान स्थिति से कोई भी खुश नहीं हैं

नई दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता तथा असम से लोकसभा सांसद गौरव गोगोई ने कहा है कि सरकार ने राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) को लेकर लापरवाही बरती है और इसकी वर्तमान स्थिति से कोई भी खुश नहीं हैं।
असम सरकार द्वारा शनिवार को एनआरसी सूची करने के बाद मेघालय के पूर्व मुख्यमंत्री मुकुल संगमा के साथ श्री गोगोई ने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से उनके आवास पर मुलाकात की।
श्री गोगोई ने ट्वीट किया “असम का हर नागरिक एनआरसी की स्थिति से खुश नहीं है। यहां तक भारतीय जनता पार्टी सरकार के मंत्री भी इससे खुश नहीं है। इसको लेकर लापरवाही बरती गयी है जिसके कारण लोगों को बेवजह न्यायालय के चक्कर लगाने पड़ेंगे। कांग्रेस पार्टी इस संबंध में सबको जरूरी मदद उपलब्ध कराएगी। देश हमारे लिए सर्वोपरि है।”
इससे पहले उन्होंने श्रीमती गांधी के आवास के बाहर पत्रकारों से कहा कि पार्टी अध्यक्ष को उन्होंने एनआरसी के बारे में पूरी जानकारी दी है। श्रीमती गांधी ने उन्हें बताया है कि वह जल्द ही पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ मिलकर इस बारे में विचार विमर्श करेंगी।
श्री संगमा ने कहा कि एनआरसी पर असम समझौते के तहत कदम उठाया गया है। यह समझौता पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने 1985 में किया था। कांग्रेस का स्पष्ट मत है कि देश के असली नागरिकों के हितों को सुनिश्चित किया जाना आवश्यक है।
गौरतलब है कि असम सरकार ने आज सुबह दस बजे एनआरसी की सूची जारी की है जिसमें 3.1 करोड नागरिकों के नाम शामिल हैं। सूची में 19 लाख से जयादा लोगों के नाम शामिल नहीं किए गये हैं।
असम में बंगलादेशी नागरिकों को लेकर लम्बे समय से विवाद रहा है। सबसे पहले 1971 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने कहा था कि बंगलादेशी शरणार्थियों को हर हाल में वापस जाना चाहिए। उसके बाद 1985 में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने असम समझौते के दौरान एनआरसी का आश्वासन दिया था। वर्ष 1985 से 2013 तक इसको लेकर कुछ कदम नहीं उठाए गये लेकिन 2019 में उच्चतम न्यायालय के तहत इस पर सही मायने में काम शुरू हुआ और अब राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार ने इस प्रक्रिया को आगे बढा दिया है।


