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कांग्रेस ने नहीं, मोदी सरकार ने देश में 'सेकुलरिज्म' को सही अर्थ दिया : भूपेंद्र यादव

भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव भूपेंद्र यादव गुरुवार को राज्यसभा में दिल्ली हिंसा पर बहस के दौरान जहां कांग्रेस को 'सेकुलरिज्म' का मतलब समझाया, वहीं तंज भी कसा

कांग्रेस ने नहीं, मोदी सरकार ने देश में सेकुलरिज्म को सही अर्थ दिया : भूपेंद्र यादव
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नई दिल्ली। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव भूपेंद्र यादव गुरुवार को राज्यसभा में दिल्ली हिंसा पर बहस के दौरान जहां कांग्रेस को 'सेकुलरिज्म' का मतलब समझाया, वहीं तंज भी कसा। उन्होंने कहा, "शिवसेना के साथ खड़े होकर भी आप सेकुलरिज्म के चैंपियन बनते हैं और मुस्लिम लीग के साथ भी। आप जो कहें वो सेकुलरिज्म है और दूसरे कहें तो नहीं।"

दिल्ली हिंसा को लेकर शायराना अंदाज में तंज कसते हुए उन्होंने कहा, "आपने भी अनोखा सितम ईजाद किया, आशियां को फूंककर पानी को बहुत याद किया..।" भूपेंद्र यादव ने इस दौरान कांग्रेस को मोदी सरकार से सेकुलरिज्म का सही अर्थ समझने की नसीहत दी।

यादव ने गुरुवार को बहस के दौरान कहा, "कांग्रेस ने हमेशा सेकुलरिज्म की गलत व्याख्या की। मगर नरेंद्र मोदी की सरकार ने देश में सेकुलरिज्म की अवधारणा को सही अर्थ देने का काम किया है। हमारा सेकुलरिज्म है- सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास। इस सेकुलरिज्म को लेकर हम आगे बढ़ेंगे। आपको समाधान पर शक नहीं होना चाहिए।"

भूपेंद्र यादव ने सेकुलरिज्म की परिभाषा बताते हुए कहा कि इस देश का अध्यात्म ही सेकुलरिज्म है। उन्होंने कहा, "गांधी जी की सुबह की शुरुआत वैष्णव जन प्रार्थना से करते थे तो डॉ. अंबेडकर समता का भाव बुद्ध के भाव में ढूंढते थे, वहीं राम मनोहर लोहिया सांस्कृतिक उत्थान रामायण मेले के माध्यम से चाहते थे। याद रखिए, इस देश की संस्कृति को गाली देना सेकुलरिज्म नहीं है। आपने (कांग्रेस) सेकुलरिज्म की गलत व्याख्या की। आपने 70 सालों से इसके नाम पर मुसलमानों को बंधक बनाए रखा।"

भूपेंद्र यादव ने तीखे अंदाज में कहा, "महिलाओं को अधिकार नहीं देंगे तो सेकुलरिज्म है, आपको पानी नहीं देंगे तो सेकुलरिज्म है.. गरीबी में रखेंगे सेकुलरिज्म है। क्या ये है आपका सेकुलरिज्म? इस वोट बैंक की सोच के कारण देश का नुकसान हुआ। नरेंद्र मोदी सरकार आने के बाद हमने सेकुलरिज्म को सही अर्थ दिया है। हमारा सेकुलरिज्म है- सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास। हम इसको लेकर आगे बढ़ेंगे।"

भूपेंद्र यादव ने कहा कि सन् 1947 से लेकर राउरकेला, रांची, अहमदाबाद में पिछले 50 वर्षो में जब दंगे हुए, तब तो कांग्रेस की सरकारें थीं। सेकुलरिज्म के नाम पर कांग्रेस ने राजनीति को शिकार बनाए रखा, लेकिन सबको समझना चाहिए कि दंगे में सभी का दायित्व है कि देश के अंदर अमन-चैन हो।

भूपेंद्र यादव ने दिल्ली हिंसा पर कहा, "मैं पूछना चाहता हूं कि जिस पुलिस के सिपाही का वीभत्स तरीके से मर्डर किया गया, क्या उसके कंधे पर भारत के संविधान का निशान नहीं लगा हुआ था? क्या मारने वाले को पता नहीं था वह भारत के संविधान की शपथ लेकर आया है। जिन्होंने संविधान की शपथ लेने वाले व्यक्ति पर हमला करने का प्रयास किया, उसने देशद्रोह किया है।"

कपिल सिब्बल पर तंज कसते हुए कहा, "आपने हमें फंडामेंटल ड्यूटी पढ़ने की नसीहत दी, अगर इतनी ही ईमानदारी से सिटिजनशिप अमेंडमेंट एक्ट पढ़कर सबको बता देते तो ठीक रहता।"


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