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मणिपुर कांग्रेस ने भाजपा विधायकों की दिल्ली बैठक पर कसा तंज, बताया ‘क्रैश कोर्स’

मणिपुर में विपक्षी दल कांग्रेस ने सोमवार को सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायकों की दिल्ली में केंद्रीय नेताओं के साथ हुई बैठक पर तीखा हमला बोला

मणिपुर कांग्रेस ने भाजपा विधायकों की दिल्ली बैठक पर कसा तंज, बताया ‘क्रैश कोर्स’
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इंफाल। मणिपुर में विपक्षी दल कांग्रेस ने सोमवार को सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायकों की दिल्ली में केंद्रीय नेताओं के साथ हुई बैठक पर तीखा हमला बोला। कांग्रेस ने इस बैठक को “क्रैश कोर्स” करार देते हुए राज्य की मौजूदा राजनीतिक और प्रशासनिक स्थिति पर तंज कसा।

रविवार को मणिपुर भाजपा विधायक दल की बैठक दिल्ली स्थित पार्टी मुख्यालय में हुई, जिसमें हिंसा प्रभावित राज्य में शांति बहाली और अन्य अहम मुद्दों पर चर्चा की गई।

मणिपुर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष केशम मेघचंद्र सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट करते हुए कहा, “मणिपुर में कानून-व्यवस्था बहाल करने के बजाय भाजपा ने अपने विधायकों को दिल्ली भेजकर प्रशासनिक विफलताओं को सही ठहराने का क्रैश कोर्स करवा दिया है।”

भाजपा नेताओं के अनुसार, इस बैठक में 30 से अधिक भाजपा विधायक शामिल हुए, जिनमें पूर्व मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह, विधानसभा अध्यक्ष थोकचोम सत्यब्रत सिंह और कई पूर्व मंत्री भी मौजूद थे। मणिपुर भाजपा अध्यक्ष अधिकारिमायुम शारदा देवी भी इस अहम बैठक में शामिल रहीं।

बैठक में पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) बी.एल. संतोष और पूर्वोत्तर समन्वयक संबित पात्रा की मौजूदगी रही। भाजपा ने अपने आधिकारिक ‘एक्स’ अकाउंट पर पोस्ट कर बताया कि बैठक में मणिपुर में शांति और विकास से जुड़े मुद्दों पर विचार-विमर्श किया गया।

भाजपा विधायकों का एक दल, जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह और विधानसभा अध्यक्ष सत्यब्रत सिंह शामिल थे, शनिवार को ही दिल्ली पहुंच गया था। इससे पहले इंफाल में भाजपा नेताओं ने संकेत दिए थे कि इस बैठक में सरकार गठन को लेकर भी चर्चा हो सकती है।

राज्य में नई सरकार के गठन को लेकर अटकलें तेज हैं। बड़ी संख्या में भाजपा विधायक और नेता जल्द सरकार बनाने की मांग कर रहे हैं, ऐसे में रविवार की बैठक को एक अहम राजनीतिक घटनाक्रम माना जा रहा है।

गौरतलब है कि 13 फरवरी को एन. बीरेन सिंह के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफे के चार दिन बाद मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया था। 60 सदस्यीय मणिपुर विधानसभा को निलंबित अवस्था में रखा गया है, जिसका कार्यकाल 2027 तक है। भाजपा के पास विधानसभा में 37 विधायक हैं।

पिछले महीने बी.एल. संतोष और संबित पात्रा ने तीन दिन तक मणिपुर का दौरा कर पार्टी विधायकों और नेताओं से मुलाकात की थी, जिससे नई सरकार के गठन की अटकलें और तेज हो गई थीं।

अक्टूबर में भी 26 भाजपा विधायकों ने दिल्ली में पार्टी नेतृत्व से मुलाकात कर मणिपुर में “लोकप्रिय सरकार” बनाने की अपील की थी। हाल ही में पूर्व मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने कहा था कि भाजपा के सभी विधायक एकजुट हैं और राज्य में सरकार गठन की प्रक्रिया जारी है, हालांकि उन्होंने व्यक्तिगत मतभेदों पर टिप्पणी करने से इनकार किया।


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