Top
Begin typing your search above and press return to search.

त्रिपुरा में पहला सरकारी डेंटल कॉलेज बना ऐतिहासिक उपलब्धि

त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने कहा कि राज्य के पहले और एकमात्र सरकारी डेंटल कॉलेज की स्थापना एक ऐतिहासिक उपलब्धि है

त्रिपुरा में पहला सरकारी डेंटल कॉलेज बना ऐतिहासिक उपलब्धि
X

मुख्यमंत्री माणिक साहा बोले सभी वर्गों तक पहुंचेगी गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा

  • आईजीएम अस्पताल भवन का भूकंप-रोधी नवीनीकरण और नए भवन का भूमिपूजन
  • बीडीएस पाठ्यक्रम की सीटें बढ़कर 63 हुईं, छात्रों को मिलेगा बेहतर अवसर

अगरतला। त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने गुरुवार को कहा कि राज्य के पहले और एकमात्र सरकारी डेंटल कॉलेज की स्थापना एक ऐतिहासिक उपलब्धि है, जिसने लंबे समय से चली आ रही जनता की आकांक्षाओं को पूरा किया है।

अगरतला सरकारी डेंटल कॉलेज के तृतीय स्थापना दिवस समारोह को मुक्तधारा ऑडिटोरियम में संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि स्थापना के बहुत कम समय में ही यह संस्थान शिक्षा, चिकित्सा प्रशिक्षण और स्वास्थ्य सेवाओं का एक महत्वपूर्ण केंद्र बनकर उभरा है।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने पुराने इंदिरा गांधी मेमोरियल (आईजीएम) अस्पताल भवन के भूकंप-रोधी नवीनीकरण एवं पुनर्स्थापन कार्य का उद्घाटन किया तथा बाद में अगरतला सरकारी डेंटल कॉलेज और आईजीएम अस्पताल के नए भवन के निर्माण के लिए भूमिपूजन समारोह में भी हिस्सा लिया।

स्वास्थ्य अवसंरचना के विस्तार के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को रेखांकित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी पूर्ववर्ती सरकार ने इतनी कम अवधि में डेंटल कॉलेज की स्थापना नहीं की थी। उन्होंने जोर देकर कहा कि भाजपा नीत सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए कार्य कर रही है कि चिकित्सा सेवाओं में किसी प्रकार का भेदभाव न हो और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा समाज के हर वर्ग तक पहुंचे।

मुख्यमंत्री साहा ने कहा, “इस सरकारी डेंटल कॉलेज की यात्रा वर्ष 2023 में शुरू हुई। राज्य सरकार की सक्रिय पहल और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सहयोग से यह कॉलेज निरंतर प्रगति के पथ पर आगे बढ़ रहा है।” उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री स्वयं भी पेशे से दंत चिकित्सक हैं।

उन्होंने कहा कि अब राज्य के छात्र उन्नत दंत चिकित्सा शिक्षा के लिए बाहर जाने को मजबूर नहीं हैं और आम जनता को भी बेहतर चिकित्सा सेवाओं का लाभ मिल रहा है।

मुख्यमंत्री ने याद दिलाया कि वर्ष 2018 में वर्तमान सरकार के सत्ता में आने के बाद जनहित, छात्रों के भविष्य और स्वास्थ्य व्यवस्था के समग्र विकास को ध्यान में रखते हुए डेंटल कॉलेज की स्थापना की गई। उन्होंने बताया कि शैक्षणिक सत्र 2023-24 से कॉलेज में बीडीएस पाठ्यक्रम की शुरुआत 50 सीटों के साथ हुई थी, जिसे अब बढ़ाकर 63 कर दिया गया है। आज इस संस्थान की देशभर में सराहना हो रही है।

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि त्रिपुरा सरकार राज्यभर में बुनियादी ढांचे के विकास और सुधारों के लिए लगातार कार्य कर रही है। उन्होंने आश्वासन दिया कि पुराने आईजीएम अस्पताल भवन का नवीनीकरण करते समय उसकी ऐतिहासिक विरासत को संरक्षित रखा जाएगा।

उन्होंने बताया कि अस्पताल के मूल भवन का नवीनीकरण उसी तर्ज पर किया जाएगा, जैसे उज्जयंत पैलेस और पुष्पबंत पैलेस का संरक्षण किया गया है, जिनका निर्माण क्रमशः 1900 और 1917 में तत्कालीन राजाओं द्वारा कराया गया था। इस अस्पताल की स्थापना महाराजा बीर चंद्र माणिक्य बहादुर ने वर्ष 1873 में ‘विक्टोरिया मेमोरियल’ के नाम से 30 बिस्तरों के साथ की थी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्थापना दिवस छात्रों, शिक्षकों और कर्मचारियों के लिए गर्व का विषय है, साथ ही यह उन्हें संस्थान की गरिमा और प्रतिष्ठा बनाए रखने की जिम्मेदारी भी याद दिलाता है। उन्होंने डॉक्टरों से सेवा भावना के साथ कार्य करने का आह्वान किया और दोहराया कि स्वास्थ्य सेवाएं समाज के हर वर्ग तक पहुंचनी चाहिए।

कार्यक्रम में स्वास्थ्य विभाग के सचिव किरण गित्ते, डेंटल कॉलेज की प्राचार्य शालू राय, स्वास्थ्य सेवाओं की निदेशक देबाश्री देबबर्मा, चिकित्सा शिक्षा निदेशक एच.पी. शर्मा, परिवार कल्याण एवं रोग निवारण निदेशक अंजन दास और राज्य स्वास्थ्य मिशन के निदेशक साजू वाहिद ए. सहित कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it