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असम चुनाव 2026 : एआईयूडीएफ ने जीत का जताया भरोसा, संगठन स्तर पर तेज़ी से तैयारी

पूर्वोत्तर के राज्य असम में अगले साल होने जा रहे विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों ने तैयारी शुरू कर दी है

असम चुनाव 2026 : एआईयूडीएफ ने जीत का जताया भरोसा, संगठन स्तर पर तेज़ी से तैयारी
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जनता का भरोसा हमारे साथ : असम चुनाव को लेकर एआईयूडीएफ का दावा

  • एआईयूडीएफ ने शुरू की चुनावी रणनीति, कहा - इस बार समर्थन और मजबूत होगा
  • असम में भाजपा को झटका, वरिष्ठ नेता का इस्तीफा चुनावी माहौल में हलचल
  • बिहार से असम तक बदलाव की बयार: एआईयूडीएफ ने नीतीश और भाजपा पर साधा निशाना

गुवाहाटी। पूर्वोत्तर के राज्य असम में अगले साल होने जा रहे विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों ने तैयारी शुरू कर दी है।

इस बीच, अखिल भारतीय संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (एआईयूडीएफ) विधायक और पार्टी महासचिव रफीकुल इस्लाम ने कहा कि 2026 में असम में विधानसभा चुनाव होंगे और हम इसकी तैयारी कर रहे हैं। बूथ स्तर पर काम हो रहा है और हमारे महिला, छात्र और युवा मोर्चा, अभिभावक और अन्य लोग इस अभियान में शामिल हैं।

उन्होंने कहा कि जिला, ब्लॉक, पंचायत और बूथ, हर स्तर पर हमारा संगठन सक्रिय है और मजबूती से तैयारी कर रहा है। हम पूरी ताकत से चुनाव लड़ेंगे और सही समय पर हम अपनी सीटों और निर्वाचन क्षेत्रों की संख्या की घोषणा करेंगे।

उन्होंने कहा कि हमें विश्वास है कि जनता हमें अपना समर्थन देगी। 2006, 2011, 2016 और 2021 के पिछले चुनावों में जनता ने लगातार हमारा समर्थन किया है। पार्टी ने अब 20 साल पूरे कर लिए हैं और हर चुनाव में हमें जनता का विश्वास मिला है। हमें विश्वास है कि इस बार भी समर्थन और भी मजबूत होगा।

एआईयूडीएफ नेता ने कहा कि बिहार में नीतीश कुमार लंबे समय से सत्ता में हैं, लेकिन अब हालात बदल गए हैं। उम्र और परिस्थितियों ने उनके नेतृत्व को प्रभावित किया है और अब जनता में बदलाव की चाहत है। पिछले चुनाव में तेजस्वी यादव की पार्टी को सबसे ज्यादा सीटें मिली थीं, लेकिन गठबंधन के चलते नीतीश कुमार सत्ता में वापस आ गए।

उन्होंने कहा कि इस बार माहौल बदलाव के पक्ष में दिख रहा है और तेजस्वी यादव की स्थिति मजबूत दिख रही है। बिहार, जो एक गरीब राज्य होने के नाते कई चुनौतियों का सामना कर रहा है, ऐसे नेतृत्व की तलाश में है जो उनके कल्याण के लिए काम कर सके और प्रगति ला सके।

उन्होंने कहा कि हाल ही में असम के एक वरिष्ठ भाजपा नेता ने इस्तीफा दे दिया। वे एक अनुभवी नेता थे, लेकिन समय के साथ पुराने नेताओं की जगह नए नेताओं ने ले ली है, जिससे उनके जैसे वरिष्ठ नेताओं के लिए जगह कम हो गई है। उनका इस्तीफा एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम है और यह भाजपा के भीतर बढ़ती आंतरिक कलह को दर्शाता है।


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