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कोर्ट के आदेश के बाद ईडी ने 63.52 करोड़ की जब्त संपत्तियों की वापसी की प्रक्रिया शुरू की

इम्फाल ईस्ट की स्पेशल कोर्ट (पीएमएलए) के आदेश के बाद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के इम्फाल सब-जोनल ने लामजिंगबा फाइनेंस के मामले में 63.52 करोड़ रुपए की जब्त संपत्तियों की वापसी की प्रक्रिया सफलतापूर्वक शुरू कर दी है

कोर्ट के आदेश के बाद ईडी ने 63.52 करोड़ की जब्त संपत्तियों की वापसी की प्रक्रिया शुरू की
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इम्फाल। इम्फाल ईस्ट की स्पेशल कोर्ट (पीएमएलए) के आदेश के बाद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के इम्फाल सब-जोनल ने लामजिंगबा फाइनेंस के मामले में 63.52 करोड़ रुपए की जब्त संपत्तियों की वापसी की प्रक्रिया सफलतापूर्वक शुरू कर दी है। उक्त आदेश के तहत लगभग 5,000 निवेशकों के दावों को नीलामी के माध्यम से जब्त संपत्तियों से वापस प्राप्त करने और उन्हें वापस करने के लिए रिकॉर्ड पर लिया गया है।

इस मामले में ईडी ने स्पेशल कोर्ट के सामने एक पूरक अभियोजन शिकायत भी दायर की है, जिसमें पहले जब्त की गई 1.87 करोड़ रुपए की चल और अचल संपत्तियों को जब्त करने का अनुरोध किया गया है।

ईडी ने मणिपुर पुलिस द्वारा सनासम जैकी सिंह और लामजिंगबा ग्रुप ऑफ कंपनीज के अन्य अधिकारियों के खिलाफ दर्ज 7 (सात) एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की। जांच में पता चला कि सनासम जैकी सिंह की अध्यक्षता वाली लामजिंगबा ग्रुप ऑफ कंपनीज एक धोखाधड़ी 'निवेश-जमा योजना' चला रही थी, जिसने निवेशकों को बहुत अधिक रिटर्न का वादा किया था और परिणामस्वरूप कई भोले-भाले निवेशकों को धोखा दिया। इन पैसों का इस्तेमाल कई संपत्तियों के अधिग्रहण के लिए किया गया था।

सनासम जैकी सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया और उनकी चल और अचल संपत्तियां जब्त कर ली गईं। सनासम जैकी सिंह, एम रॉबिन्डो सिंह और लामजिंगबा ग्रुप की कंपनियों के खिलाफ स्पेशल कोर्ट के सामने 20 मार्च 2023 को अभियोजन शिकायत दायर की गई थी। ईडी ने शिकायत में 63.52 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त करने की भी प्रार्थना की। आरोपियों के खिलाफ आरोप तय किए गए।

विशेष न्यायालय, इम्फाल पूर्व ने 21 मार्च 2025 को एक आदेश पारित कर धन शोधन निवारण (संपत्ति पुनर्स्थापना) नियम, 2016 की धारा 3(ए) के अनुसार कुर्क की गई संपत्तियों की वापसी के लिए इच्छुक व्यक्तियों से दावे आमंत्रित करते हुए दो समाचार पत्रों में नोटिस प्रकाशित करने का निर्देश दिया और उसे प्रकाशित भी कर दिया गया। इसके बाद लगभग 5,000 निवेशकों ने माननीय न्यायालय के समक्ष अपने दावे प्रस्तुत किए हैं।


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