उत्तर कोरिया की ओर से बातचीत की पेशकश ‘झूठी उम्मीद’ भी हो सकती है: ट्रम्प
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने उत्तर कोरिया की ओर से बातचीत की पेशकश को काफ़ी सकारात्मक बताया है लेकिन साथ ही कहा कि ये ‘झूठी उम्मीद’ भी हो सकती है

वॉशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने उत्तर कोरिया की ओर से बातचीत की पेशकश को काफ़ी सकारात्मक बताया है लेकिन साथ ही कहा कि ये ‘झूठी उम्मीद’ भी हो सकती है।
दक्षिण कोरिया ने कल कहा कि उत्तर कोरिया अमेरिका के साथ बातचीत करने को तैयार है और परमाणु परीक्षणों को स्थगित करने को भी तैयार है।
ट्रम्प ने इसपर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा,“उत्तर कोरिया के साथ वार्ता में संभावित प्रगति दिखाई दे रही है। कई सालों में पहली बार, सभी पक्षों द्वारा एक गंभीर प्रयास किया जा रहा है। दुनिया देख रही है और इंतजार कर रही है! झूठी उम्मीदें हो सकती हैं, लेकिन अमेरिका किसी भी दिशा में कठोर कदम उठाने के लिए तैयार है।”
Possible progress being made in talks with North Korea. For the first time in many years, a serious effort is being made by all parties concerned. The World is watching and waiting! May be false hope, but the U.S. is ready to go hard in either direction!
— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) March 6, 2018
दक्षिण कोरिया के प्रतिनिधिमंडल के प्रमुख ने मीडिया ब्रीफिंग में बताया कि उत्तर और दक्षिण कोरिया एक दशक के बाद अगले महीने में सीमावर्ती गांव पैनमुंजोम में अपना पहला सम्मेलन आयोजित करेंगें। प्रतिनिधिमंडल ने उत्तर कोरिया उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन से भी मुलाकात की थी।
इससे पहले ट्रम्प ने ट्वीट में कहा,“हम देखेंगे कि क्या होता है!”
दोनों पड़ोसी देशों के बीच हुई बातचीत के बाद दक्षिण कोरिया ने बताया कि उत्तर कोरिया ने कहा है कि अगर उसे सुरक्षा की गारंटी दी जाए तो वह अपने परमाणु हथियार भी छोड़ने को तैयार है। उत्तर कोरिया की राजधानी प्योंगयांग में किम किम जोंग उन ने दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जे इन के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार चुंग यी योंग से मुलाकात के दौरान इस अाशय की बात कही थी।
दक्षिण कोरिया ने कहा है कि उत्तर कोरिया ने परमाणु हथियारों और मिसाइलों के परीक्षणों पर रोक लगाने पर सहमति जताई है। श्री चुंग यी योंग ने कल बताया कि उत्तर कोरिया अपने और अमेरिका के बीच संबंधों को सुधारने के लिए अमेरिकी प्रशासन से बात करने को भी तैयार है।


