Top
Begin typing your search above and press return to search.

उत्तरी दिल्ली एमसीडी स्वास्थ्यकर्मियों व शिक्षकों को वेतन का इंतजार

कोरोना वायरस जैसी वैश्विक महामारी के खिलाफ हमारे डॉक्टर जमकर लड़ाई लड़ रहे हैं

उत्तरी दिल्ली एमसीडी स्वास्थ्यकर्मियों व शिक्षकों को वेतन का इंतजार
X

नई दिल्ली। कोरोना वायरस जैसी वैश्विक महामारी के खिलाफ हमारे डॉक्टर जमकर लड़ाई लड़ रहे हैं, लेकिन दिल्ली के उत्तरी नगर निगम (नॉर्थ एमसीडी) के अस्पतालों के डॉक्टर, स्टाफ व अन्य कर्मचारियों की पिछले 3 महीने से अभी तक वेतन नहीं मिला है। इसको लेकर नॉर्थ एमसीडी के अस्पतालों के डॉक्टरों ने सामूहिक इस्तीफा देने की धमकी तक दे दी है। वहीं, इस मसले पर दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन ने गृहमंत्री अमित शाह को भी पत्र लिखा है। दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. गिरीश त्यागी ने आईएएनएस को बताया, "ये मामला पहले भी उठा था, तब एक महीने की सैलरी दे दी गई थी। ऐसे मामले में कोई स्थायी समाधान निकलना चाहिए, क्योंकि हमारे पास डॉक्टर और मेडीकल स्टाफ की कमी है। इससे हम उन्हें हतोत्साहित कर रहे हैं। हमने आज गृहमंत्री अमित शाह को भी पत्र लिखा है।"

नॉर्थ म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन डॉक्टर्स एसोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी डॉ. मारुति सिंह ने आईएएनएस को बताया, "नॉर्थ दिल्ली म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन के अधीन 5 अस्पताल हैं- हिंदू राव अस्पताल, कस्तूरबा अस्पताल, गिरधारी लाल मैटरनिटी अस्पताल, राजन बाबू टीबी हॉस्पिटल और बालक राम अस्पताल। इन सभी अस्पतालों के करीब 2500 कर्मचारियों की सैलरी पिछले 3 महीने से नहीं आई है, जिसमे कम से कम 1000 सीनियर डॉक्टर, 500 रेजिडेंट डॉक्टर और 1500 नर्सिग ऑफिसर कार्यरत हैं।"

उन्होंने कहा, "ईस्ट एमसीडी और साउथ एमसीडी के अस्पतालों में सैलरी की समस्या नहीं हैं। लेकिन नॉर्थ एमसीडी के 5 अस्पताल, 21 डिस्पेंसिरी, 17 पॉलीक्लिनिक और 7 मैटरनिटी सेंटरों में कार्यरत कर्मियों को समय से वेतन नहीं मिलने की समस्या से दो-चार होना पड़ता है। इससे पहले सीनियर डॉक्टरों ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखा था, तब फरवरी की सैलरी आ गई थी, लेकिन अब बाकी बचे महीनों की सैलरी नहीं आई है।"

कस्तूरबा अस्पताल की रेसिडेंट डॉक्सटर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. सुनील शर्मा ने आईएएनएस को बताया, "हमें मार्च, अप्रैल और मई की सैलरी नहीं मिली है। हमारी आज एमसीडी कमिश्नर के साथ मीटिंग भी हुई थी और उन्होंने एक हफ्ते का समय मांगा है। 16 जून तक अगर हमारी सैलरी नहीं आई, तो हम सामूहिक इस्तीफा दे देंगे।"

ये हाल सिर्फ डॉक्टरों का नहीं है, बल्कि दिल्ली सरकार के अंतर्गत जो कॉलेज आते हैं, उसमें भी यही हाल है। दिल्ली के 6 कॉलेज ऐसे हैं, जिनके शिक्षकों और अन्य कर्मचारियों की अप्रैल की कुछ फीसदी और मई के महीने की सैलरी अभी तक नहीं आई है।

भास्कराचार्य कॉलेज ऑफ एप्लाइड साइंसेस, भीमराव अंबेडकर कॉलेज, महर्षि वाल्मीकि कॉलेज ऑफ एजुकेशन, शहीद राजगुरु कॉलेज ऑफ एप्लाइड साइंसेज फॉर वीमेन- वे कॉलेज हैं, जिनमें मई माह का वेतन अब तक नहीं आया है। वहीं आचार्य नरेंद्र देव कॉलेज में मई की सिर्फ 70 फीसदी सैलरी आई है। दीन दयाल उपाध्याय कॉलेज में अप्रैल की 80 फीसदी सैलरी आई है और अभी तक मई की सैलरी नहीं आई है। केशव कॉलेज की भी अप्रैल की 86 फीसदी सैलरी और मई की अभी तक सैलरी नहीं आई है।

दिल्ली यूनिवर्सिटी टीचर्स एसोसिएशन (डूटा) के अध्यक्ष राजीब रे ने आईएएनएस को बताया, "दिल्ली सरकार के 28 कॉलेज हैं। इनमें से 16 कॉलेजों का लगभग 95 फीसदी पैसा यूजीसी देता है और 12 कॉलेज का पूरा पैसा दिल्ली सरकार देती है। 6 कॉलेज ऐसे हैं, जिनको मई की तनख्वाह नहीं आई और इसमें से भी कुछ कॉलेज की अप्रैल की सैलरी भी पूरी नहीं आई है। लगभग 1000 कर्मचारी ऐसे हैं, जिनकी सैलरी नहीं आई है। अगर इसी तरह से चलता रहा तो हम सड़कों पर उतरेंगे। हमने इस मसले पर दिल्ली के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री को भी पत्र लिखा था, उसके बाद कुछ फीसदी तनख्वाह आई थी, लेकिन उतना पैसा नाकाफी था।

वहीं, अगर हम दिल्ली के डीटीसी बसों में कार्यरत ड्राइवरों और कंडक्टरों की बात करें तो इनमें से करीब 2000 कर्मचारी ऐसे हैं, जिनकी मई महीने की सैलरी में कटौती की गई है। इसको लेकर पत्र भी लिखा जा चुका है।

दिल्ली परिवहन मजदूर संघ के महामंत्री सचिव कैलाश चंद मलिक ने आईएएनएस को बताया, "दिल्ली में 36 बस डिपो हैं, डीटीसी के करीब 28 हजार कर्मचारी आते हैं, और करीब 2000 कर्मचारियों की मई के महीने की सैलरी में कटौती हुई है।"

भारतीय मजदूर संघ दिल्ली प्रदेश के अध्यक्ष प्रेम सिंह नागर ने आईएएनएस को बताया, "करीब 25 हजार कर्मचारियों की सैलरी आ गई है। लेकिन डीटीसी के करीब हजार से ऊपर कर्मचारियों को पूरा वेतन नहीं मिला है। हमने इसको लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री, परिवहन मंत्री और डीटीसी चेयरमैन को पत्र भी लिखा था, लेकिन अभी तक कोई जवाब नहीं आया है।"


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it