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लिवर कैंसर का खतरा कम कर सकती हैं कोलेस्ट्रॉल घटाने वाली नॉन-स्टैटिन दवाएं : शोध

एक शोध में कहा गया है कि कोलेस्ट्रॉल कम करने वाली कुछ नॉन-स्टैटिन दवाएं लिवर कैंसर का खतरा कम कर सकती हैं

लिवर कैंसर का खतरा कम कर सकती हैं कोलेस्ट्रॉल घटाने वाली नॉन-स्टैटिन दवाएं : शोध
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नई दिल्ली। एक शोध में कहा गया है कि कोलेस्ट्रॉल कम करने वाली कुछ नॉन-स्टैटिन दवाएं लिवर कैंसर का खतरा कम कर सकती हैं।

कैंसर नामक पत्रिका में ऑनलाइन प्रकाशित शोध में स्टैटिन पर पिछले शोध से प्राप्त साक्ष्य के अलावा इन दवाओं के संभावित सुरक्षात्मक प्रभावों के बारे में बताया गया है।

मैरीलैंड नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट द्वारा किए गए शोध में पांच प्रकार की नॉन-स्टैटिन कोलेस्ट्रॉल कम करने वाली दवाओं पर फोकस किया गया है, जिनमें फाइब्रेट्स, नियासिन और ओमेगा-3 फैटी एसिड शामिल हैं।

ये सभी दवाएं आम तौर पर कोलेस्ट्रॉल और लिपिड के स्तर को नियंत्रित करने के लिए इस्तेमाल की जाती हैं। यह सभी शरीर में अलग-अलग तरीके से काम करती हैं।

शोधकर्ताओं ने 3,719 लीवर कैंसर के मामलों और 14,876 कैंसर रहित मामलों को शोध में शामिल किया।

शोध में टाइप 2 डायबिटीज के साथ क्रॉनिक लिवर बीमारियों को भी शामिल किया गया है।

परिणामों से पता चला कि कोलेस्ट्रॉल कम करने वाली दवाओं से लिवर कैंसर का जोखिम 31 प्रतिशत कम हुआ।

इसके अलावा, डायबिटीज और लिवर की बीमारी पर भी इसके समान प्रभाव दिखाई दिए।

पिछले निष्कर्षों के अनुरूप इस शोध में पुष्टि हुई कि स्टैटिन से लिवर कैंसर का जोखिम 35 प्रतिशत कम हुआ है।

हालांकि, लिवर कैंसर के जोखिम और फाइब्रेट्स, ओमेगा-3 फैटी एसिड या नियासिन के उपयोग के बीच कोई महत्वपूर्ण संबंध नहीं पाया गया।

पूरे शोध में पित्त अम्ल अनुक्रमक का उपयोग लीवर कैंसर के बढ़ते जोखिम से जुड़ा था, हालांकि मधुमेह और लिवर रोग की स्थिति के आंकड़ों को अलग करने से डाटा से किसी निश्चित निष्कर्ष पर पहुंचना संभव नहीं था।

शोधकर्ताओं ने इस शोध के बाद संभावित जोखिमों को स्पष्ट करने के लिए आगे के अध्ययनों की आवश्यकता पर बल दिया।

यह शोध कोलेस्ट्रॉल कम करने और लिवर कैंसर की रोकथाम के लिए दिए उपायों में एक नया आयाम जोड़ता है, जो इस क्षेत्र में निरंतर अनुसंधान की आवश्यकता पर प्रकाश डालता है।

अनुसंधानकर्ताओं ने कहा है कि कुछ अध्ययनों में लिवर कैंसर के जोखिम पर कोलेस्ट्रॉल कम करने वाली नॉन-स्टैटिन दवाओं के प्रभावों की जांच की है, इसलिए उनके अध्ययन के परिणामों को अन्य आबादी में दोहराने की आवश्यकता है।

नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट के डॉ. मैकग्लिन ने कहा, "यदि अन्य अध्ययनों में हमारे निष्कर्षों की पुष्टि हो जाती है, तो हमारे परिणाम लिवर कैंसर की रोकथाम अनुसंधान को सूचित कर सकते हैं।"


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