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प्रवासी भारतीयों का देश की अर्थव्यवस्था पर बढ़ा भरोसा, अप्रैल में 1 अरब डॉलर हुए जमा

दुनिया भर में रह रहे प्रवासी भारतीयों (एनआरआई) ने अकेले अप्रैल महीने में देश में लगभग 1 बिलियन डॉलर जमा किए

प्रवासी भारतीयों का देश की अर्थव्यवस्था पर बढ़ा भरोसा, अप्रैल में 1 अरब डॉलर हुए जमा
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नई दिल्ली। दुनिया भर में रह रहे प्रवासी भारतीयों (एनआरआई) ने अकेले अप्रैल महीने में देश में लगभग 1 बिलियन डॉलर जमा किए। मतलब साफ है कि तमाम वैश्विक आर्थिक परिस्थितियों के बावजूद भी भारत की अर्थव्यवस्था में उन्होंने अपना भरोसा दिखाया है।

साल 2023 में प्रवासी भारतीयों ने अप्रैल के महीने में 150 मिलियन डॉलर जमा किए थे, जो भारतीय अर्थव्यवस्था में उनके बढ़ते विश्वास को दर्शाता है।

इससे साफ पता चल रहा है कि भारतीय अर्थव्यवस्था की विकास गति तेजी से बढ़ी है और यहीं वजह है कि लोगों का इसमें विश्वास भी बढ़ा है। भारत के विकास की गति जो 2003-19 के औसत 7 प्रतिशत के मुकाबले 2021-24 में 8 प्रतिशत या उससे भी अधिक है।

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के नवीनतम आंकड़ों को देखें तो एनआरआई जमा में वृद्धि भारतीय अर्थव्यवस्था के लचीलेपन को दर्शाती है।

प्रवासी भारतीयों के लिए देश में तीन प्रमुख जमा योजनाएं हैं - फॉरेन करेंसी नॉन रेजिडेंट (बैंक) या एफसीएनआर (बी); नॉन रेजिडेंट एक्सटर्नल रूपी अकाउंट या एनआरई(आरए) और नॉन रेजिडेंट ऑर्डिनरी (एनआरओ) डिपॉजिट स्कीम।

अप्रैल के महीने में प्रवासी भारतीयों ने एनआरई (आरए) योजना में 583 मिलियन डॉलर जमा किए, इसके साथ ही एफसीएनआर (बी) योजना में 483 मिलियन डॉलर जमा किए।

कोविड महामारी के दौरान एनआरआई जमा 131 बिलियन डॉलर से बढ़कर 142 बिलियन डॉलर हो गया। भारत की विदेशी मुद्रा निधि 655.8 बिलियन डॉलर के नए अभी तक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई।

इस सब के बीच आरबीआई के ताजा आंकड़ों की मानें तो भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 4.3 बिलियन डॉलर बढ़कर 655.8 बिलियन डॉलर के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया।

विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि अर्थव्यवस्था की मजबूती को दर्शाता है और रुपये के मूल्य के अस्थिर होने पर उसे स्थिर करने के लिए अधिक संभावना प्रदान करता है।


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