Top
Begin typing your search above and press return to search.

आश्रम के सुरक्षा प्रभारी की पैसों के विवाद में हत्या

नोएडा ! सेक्टर-107 में स्थित महर्षि आश्रम के सुरक्षा प्रभारी रणविजय सचान की ब्याज के पैसे के विवाद में अगवा कर हत्या कर दी गई। वह 15 मार्च से लापता थे

आश्रम के सुरक्षा प्रभारी की पैसों के विवाद में हत्या
X

नोएडा ! सेक्टर-107 में स्थित महर्षि आश्रम के सुरक्षा प्रभारी रणविजय सचान की ब्याज के पैसे के विवाद में अगवा कर हत्या कर दी गई। वह 15 मार्च से लापता थे। गुमशुदगी की जांच के दौरान सर्विलांस की मदद से पुलिस ने इसका पर्दाफाश किया।
वारदात को अंजाम देने वाले इटावा के रहने वाले ट्रांसपोर्टर राजीव व कैब चालक और अलीगढ़ के रहने वाले राज उर्फ नरेश को गिरफ्तार कर लिया गया है। अगवा कर हत्या में इस्तेमाल हुए स्विफ्ट डिजायर कार को लेकर एक अन्य मैनपुरी का रहने वाले राजकुमार फरार है। उसकी तलाश हो रही है। सेक्टर-107 में महर्षि आश्रम है। हाजीपुर के रहने वाले रणविजय सचान (59) इसके सुरक्षा अधिकारी थे। उनका सेक्टर-105 में स्कूल भी था। वह 15 मार्च को आश्रम से ग्रेटर नोएडा के लिए कार से निकले थे। इसके बाद से गायब थे। परिजन ने कोतवाली सेक्टर-39 में गुमशुदगी दर्ज कराई थी। मोबाइल नंबर के आधार पर पुलिस जांच कर रही थी। इसी दौरान पुलिस को पता चला कि महर्षि आश्रम से निकलने के पहले रणविजय की बात ट्रांसपोर्टर राजीव से हुई थी। राजीव की 15 कैब फेज दो स्थित एक कंपनी से जुडक़र चलती है। पुलिस ने राजीव से पूछताछ की। जिसमें उसने गोलमोल जवाब दिए। सर्विलांस से जांच में पता चला कि राजीव काफी समय तक रणविजय के साथ था। इसके बाद राजीव से कड़ाई से पूछताछ हुई। जिसमें वह टूट गया। उसने रणविजय को अगवा कर हत्या की बात कबूल ली। राजीव ने बताया कि रणविजय पहले एक कैब का संचालन उसके माध्यम से कराते थे। इसी दौरान दोनों की जान-पहचान हो गई। उसने रणविजय से पंद्रह लाख रुपए पांच प्रतिशत ब्याज पर लिया था। जिसे उसने अन्य लोगों को पंद्रह प्रतिशत ब्याज पर दे दिया। लोगों से पैसे मिल नहीं रहे थे, जबकि रणविजय लगातार अपने पैसे वापस करने की मांग कर रहे थे। इसी कारण उनके हत्या की योजना बनी। ग्रेटर नोएडा में स्थित उनके विला को बिकवाने के नाम पर राजीव ने रणविजय को ग्रेटर नोएडा जाने के लिए महर्षि आश्रम से स्विफ्ट डिजायर कार में बैठा लिया। वह रणविजय को लेकर ग्रेटर नोएडा वेस्ट के एटीएस सोसाइटी पहुंचा। जहां कैब चालक राज उर्फ नरेश और राजकुमार पहले से मौजूद थे। दोनों ने अपने एसेंट कार वहीं खड़ी कर ग्राहक बनकर राजीव की कार में पीछे बैठ गए। कार में बैठने के थोड़ी देर बाद दोनों ने गमछे से गला दबाकर रणविजय की हत्या कर दी। फिर शव को सीट पर
लेटा दिया।
तीनों शव लेकर ककोड़ बुलंदशहर गए। जहां ककोड़ नहर में शव डालकर तीनों फरार हो गए। राजीव से पूछताछ के बाद पुलिस ने नहर में शव की तलाश कराई। ककोड़ बुलंदशहर में नहर से शव को बरामद कर लिया गया। राजीव ने रणविजय की हत्या का प्लान 14 मार्च को ही बना लिया था। उसने अपने ट्रासपोर्ट कंपनी से जुडक़र चलने वाली कैब के चालक राजकुमार और राज उर्फ नरेश से संपर्क किया। दोनों को दो-दो लाख रुपए देकर वारदात को अंजाम दिलाने के लिए तैयार किया। हालांकि, उसने अभी तक दोनों को पैसे नहीं दिए हैं।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it