पूर्व शासन काल की बड़ी परियोजनाओं पर योगी की गाज गिरनी तय
नोएडा ! पूर्व शासन काल में बनी सभी बड़ी परियोजनाओं पर जांच का साया मंडराने लगा है।

नोएडा ! पूर्व शासन काल में बनी सभी बड़ी परियोजनाओं पर जांच का साया मंडराने लगा है। यदि इन परियोजनाओं की जांच होती है तो कई प्राधिकरण कर्मचारियों की कलई खुल सकती है। सूबे के मुख्यमंत्री के इस फैसले के बाद से अधिकारियों में हडक़ंप मचा हुआ है। निर्देश है कि प्राधिकरण में ऐसी परियोजनाएं जिनका बजट 10 करोड़ से ज्यादा है उनकी जांच की जाएगी। ऐसे में शहर के दर्जनों परियोजनाएं इस जांच के दायरे में शामिल है।
गौरतलब है कि शहरवासियों को सहुलियत देने के लिए प्राधिकरण के प्रत्येक वित्तीय वर्ष का बजट कई हजार करोड़ रुपए से ज्यादा होता है। बजट का एक बड़ा हिस्सा परियोजनाओं के ऊपर खर्च किया जाता है। जबकि पूर्वशासन काल में यादव भसह व उनके सहयोगियों की प्राधिकरण में लंबी घोटालों की फेयरलिस्ट है। इन्हीं घोटालों को उजागर करने के लिए जांच एजेंसियां भी प्राधिकरण में दस्तक देती रही। आलम यह है कि कभी सीबीआई, सीबीसीआईडी के अलावा आयकर विभाग , प्रवर्तन निदेशायल की टीमें अक्सर नोएडा प्राधिकरण में जांच करती दिखी। ऐसे में सत्ता परिवर्तन के बाद शासन द्वारा लिया गया यह फैसला प्राधिकरण अधिकारियों के लिए कड़वा घूट साबित होता दिख रहा है। दरअसल, पूर्व शासन काल में शहर की छवि बदलने के लिए यहा करोड़ों रुपए के परियोजनाएं पास की गई। जिनमे से कुछ का निर्माण हो सका अधिकांश सिर्फ काजगी खानापूर्ती तक ही सीमीत रही। इनके करोड़ों रुपए के घोटलों की बू आने लगी।
परियोजनाओं जिनकी हो सकती है जांच
सेक्टर-18 में निर्माणाधीन मल्टीलेवल पार्किंग
एमपी-2 स्थित एलिवेटड रोड
ओखला बैराज के समानान्तर निर्माणाधीन यमुना पुल
सेक्टर-37 मल्टीलेवल पार्किंग
मुख्य सडक़ों पर बनाए गए साइकिल ट्रेक
सेक्टर-18 रिमाड्यूलिंग
शहर में बन चुके व निर्माधीन अंडरपास
मॉडल टाउन एनएच-24 अंडरपास
सेक्टर-30 जिला अस्पताल व चाइल्ड पीजीआई सेक्टर-39 निर्माणाधीन जिला अस्पताल
यमुना व हिंडन नदी के किनारे रिवर फ्रंट कारिडोर


