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संपत्ति वैध या अवैध एक सप्ताह में प्राधिकरण से मिल जाएगी जानकारी

नोएडा ! शहर में प्लाट व फ्लैट वैद्य है या अवैध इसकी जानकारी एक सप्ताह में मिल जाएगी। इसके लिए प्राधिकरण एक सेल का गठन करने जा रहा है।

संपत्ति वैध या अवैध एक सप्ताह में प्राधिकरण से मिल जाएगी जानकारी
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नोएडा ! शहर में प्लाट व फ्लैट वैद्य है या अवैध इसकी जानकारी एक सप्ताह में मिल जाएगी। इसके लिए प्राधिकरण एक सेल का गठन करने जा रहा है। जिसमे मामूली फीस देकर खरीददार यह जानकारी हासिल कर सकेगा। इससे दो फायदें होंगे। पहला निवेश करने वाले को पता चल सकेगा कि वह सही जगह निवेश कर रहा है या नहीं। दूसरा प्राधिकरण के पास अमुक फ्लैट व प्लाट की पूरी जानकारी मिल जाएगी। पत्रकारों से मांगे गए सुझावों के बाद प्राधिकरण मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने सेल के गठन का निर्णय लिया।
शहर की सबसे बड़ी समस्या पाॄकग, यातायात व अतिक्रमण की है। इससे निजात दिलाने के लिए प्राधिकरण अपने स्तर पर कार्य कर रही है। पार्किंग के लिए प्लानिंग स्टेज तैयार की जा चुकी है। वहीं, अतिक्रमण के लिए विशेष अभियान जारी है। इसके इतर सबसे बड़ी समस्या निवेशकों की है। यहां निवेश करने वाला व्यक्ति प्रलोभन में आकर ऐसे प्लाट व फ्लैट पर अपना पैसा लगा देता है जो या तो विवादित होता है या फिर पहले मालिक का उस पर लाखों रुपए बकाया होता है। जिसमे फंसने के बाद निवेशक अपने का ठगा महसूस करते हुए थानों व प्राधिकरण के चक्कर लगाता रहता है। इस समस्या को निस्तारित करते हुए प्राधिकरण ने एक सेल की गठन की बात कहीं है। सेल में विभागीय अधिकारियों को सम्मलित किया जाएगा। जिसका कार्य लोगों को यह बताना कि अमुक प्रॉपर्टी विवादित है या नहीं। इसके लिए फॉर्म के साथ निवेशक को प्रॉपर्टी की पूरी जानकारी सेल को देनी होगी। एक सप्ताह में जांच के बाद सेल द्वारा निवेशक को प्रॉपर्टी के बारे में सारी जानकारी उपलब्ध करा दी जाएगी। इसके लिए निवेशक को मामूली फीस भरनी होगी। यदि सेल एक सप्ताह में जवाब नहीं देता तो संबंधित अधिकारी की जवाबदेही भी होगी। सेल का गठन एक सप्ताह में किया जाएगा।
पारदर्शिता के साथ किया जाए काम
मुख्य कार्यपालक अधिकारी अमित मोहन प्रसाद ने कहा कि कलम के जरिए गरीब और जरूरत मंद लोगों की मदद की जाए। शहरवासियों की प्राथमिकता को ध्यान में रखकर काम किया जाएगा। लंबित पड़ी सभी परियोजना को प्राथमिकता के आधार पर पूरा किया जाएगा। साथ ही काम पारदॢशता हो इसका पूरा ध्यान रखा जाएगा। शासन से मिले आदेशों के अनुसार ही कार्य
किया जाएगा।


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