जिंदगी की उम्मीद में एनडीआरएफ ने शुरू किया जांच अभियान
नोएडा ! सेक्टर-11 एक्सेल ग्रीनटेक में पुलिस सर्च ऑपरेशन के बाद अब एनडीआरएफ की टीम पहुंची है। सुबह करीब साढ़े ग्यारह बजे गाजियाबाद की 33 सदस्यीय एक यूनिट बिल्डिंग में जांच कर रही है।

नोएडा ! सेक्टर-11 एक्सेल ग्रीनटेक में पुलिस सर्च ऑपरेशन के बाद अब एनडीआरएफ की टीम पहुंची है। सुबह करीब साढ़े ग्यारह बजे गाजियाबाद की 33 सदस्यीय एक यूनिट बिल्डिंग में जांच कर रही है। बताते चले कि आग के दौरान कंपनी मालिक संजोय दास भी बिल्डिंग में मौजूद थे। लेकिन अब तक उनकी जानकारी नहीं मिल पा रही थी लेकिन अब उनकी पत्नी ने शव की पहचान कर ली है। अभी तक उनकी पत्नी बेहोशी की हालत में थी। एनडीआरएफ का सर्च ऑपरेशन जारी है।
बुधवार को एक्सेल ग्रीनटेक में आग लगने से छह लोगों की मौत जलकर हो गई थी। उनके शव पुसिल ने सर्च ऑपरेशन में बरामद कर लिए थे। इनमें से चार लोगों की पहचान की जा चुकी है। जबकि अन्य शवों की पहचान के लिए मिसिंग परिवार के डीएनए के सैंपल लिए जा रहे है। यह सैंपल सोमवार को लखनऊ भेजे जाएंगे। इनकी रिपोर्ट महीने के अंत तक आएगी। ऐसे में जिला प्रशासन किसी भी तरह की कोताही बरतना नहीं चाहता। लिहाजा जिला प्रशासन के कहने पर शुक्रवार को एनडीआरएफ की एक यूनिट घटना स्थल पर पहुंचकर सर्च अभियान चला रही है। यूनिट के हेड इंस्पेक्टर जगतार सिंह ने बताया कि कंपनी में मलबा बहुत ज्यादा है। इसे पहले हटाया जा रहा है। चौथे माले से सच अभियान शुरू किया गया है। हर चीज को बड़ी बारिकी से देखा जा रहा है। सर्च ऑपरेशन में एनडीआरएफ की टीम अपने साथ दो स्पेशल ट्रेंड खोजी कुत्ते को लेकर आए है। इनके नाम रूबी व स्पार्की है। यह दोनों सूंघ कर जिंदा बचे हुए लोगों की खोजकर सकते है। एनडीआरएफ ने अपने पहले चरण में इन कुत्तों की मदद ली। जिसके बाद लाइफ डिटेक्टिंग मशीन का प्रयोग किया जा रहा है। यह मशीन 30 फीट तक जिंदा आदमी की धडक़नों को कैद कर सकती है। एनडीआरएफ नोएडा हेड कुमार राका ने बताया कि दमकल विभाग द्वारा आग बुझाने में जो पानी प्रयोग किया गया। वह कंपनी के बेसमेंट में जमा हो गया। करीब साढ़े चार फीट तक पानी भरा हुआ है। मलबा होने से यह कीचड़ बन चुका है। पैर रखते ही यह नीचे तक दब रहा है। लिहाजा प्राधिकरण के टैंकरों द्वारा पानी निकालने का काम किया जा रहा है। ऐसे में यहा बड़ी सावधानी से सर्च अपारेशन चलाया जा रहा है। ताकि यदि कोई भी तथ्य मिले तो उसे निकाला जा सके।


