नोएडा : ट्विन टावर गिराने की उलटी गिनती शुरू, कुछ ही घंटों में हो जाएंगे जमींदोज
ट्विन टावर गिराने की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी हैै। इसे गिराने में 17 करोड़ खर्च हो रहे हैं और इस खर्च को भी बिल्डर ही उठाएगा

नोएडा। ट्विन टावर गिराने की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी हैै। इसे गिराने में 17 करोड़ खर्च हो रहे हैं और इस खर्च को भी बिल्डर ही उठाएगा।
ट्विन टावर महज 12 सेकंड में जमींदोज हो जाएगा। जिस जगह ये ट्विन टावर बना हुआ है, उस जगह की कीमत मौजूदा समय में 10 हजार रुपए प्रति वर्ग फीट है। मतलब ट्विन टावर की कीमत अभी के हिसाब से 1 हजार करोड़ से भी ज्यादा है। लेकिन विवाद के चलते अगर ट्विन टावर की वैल्यू की बात करें तो करीब 800 करोड़ ट्विन टावर की कीमत लगाई गई है। इसे बनाने में 250 से 300 करोड़ के बीच खर्च हुआ था। नेशनल बिल्डिंग कोड को ताक पर रख कर ट्विन टावर का निर्माण हुआ था। रातों रात बिल्डिंग बायलॉज में बदलाव किया गया था। इसीलिए भ्रष्टाचार की गई इमारत इतनी तेजी से इतनी ऊंची खड़ी हो गई। 2014 में हाई कोर्ट ने इसे अवैध घोषित किया था। इसे गिराने के भी आदेश दिए गए थे। लेकिन बाद में मामला सुप्रीम कोर्ट चला गया।
रिक्टर स्केल 4 के अनुसार डिजाइन
इस क्रम में सारे सिस्टम को एक बार फिर से जांचा जा रहा है, ताकि किसी प्रकार की कोई भी चूक ना रह जाए। एडिफिस इंजीनियरिंग के एक्सपर्ट्स ने बताया है कि गैस पाइपलाइन को यहां पर रिक्टर स्केल 4 के अनुसार डिजाइन किया गया है। यह जमीन के नीचे 3 मीटर है। आसपास की सोसायटी में इसी से गैस की सप्लाई होती है। इसको ध्यान में रखते हुए हमने इसके ऊपर प्लेट लगा रखी है। हमें 100 फीसदी पूरी उम्मीद है कि गेल गैस पाइप लाइनों के साथ कोई समस्या बिल्कुल भी नहीं होगी।
सुपरटेक के दोनों टावर 28 अगस्त दोपहर ढाई बजे ही गिराए जाएंगे। इसके लिए सभी विभागों से क्लियरेंस आ गई है। फाइनल बैठक के बाद जेट डिमोलिशन और एडिफिस को हरी झंडी दे दी गई है। स्ट्रक्चरल ऑडिट रिपोर्ट के आधार पर ही एक्स्टर-1 और 2 के पिलर, बीम और कॉलम को मिलाकर 57 प्वांइट पर काम पूरा कर लिया गया। ट्विन टावर में वायरिंग का काम पूरा हो चुका है। डिमोलिश से पहले इसे फाइनल ट्रिगर बाक्स से कनेक्ट किया जाएगा। 10 से 0 तक के काउंडाउन के बाद ब्लास्ट होगा और इमारत जमींदोज हो जाएगी।
दोपहर 2:30 पर दबेगा ट्रिगर
विस्फोट के 15 मिनट पहले से इमरजेंसी सर्विस ब्लॉक हो जाएगी। दोपहर 2 बजकर 25 मिनट पर पुलिस का अधिकारी अनुमति देगा। दोपहर 2 बजकर 30 मिनट पर ट्रिगर को दबा दिया जाएगा।


