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प्रोजेक्ट सेटलमेंट पॉलिसी के तहत बिल्डर नहीं कर रहे एफिडेबिट पर हस्ताक्षर

नोएडा ! बिल्डरों को राहत देने के लिए नोएडा प्राधिकरण द्वारा बनाई गई प्रोजेक्ट सेटलमेंट पॉलिसी (पीएसपी) को अमल में लाने के लिए एक माह का समय निर्धारित किया गया है।

प्रोजेक्ट सेटलमेंट पॉलिसी के तहत बिल्डर नहीं कर रहे एफिडेबिट पर हस्ताक्षर
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नोएडा ! बिल्डरों को राहत देने के लिए नोएडा प्राधिकरण द्वारा बनाई गई प्रोजेक्ट सेटलमेंट पॉलिसी (पीएसपी) को अमल में लाने के लिए एक माह का समय निर्धारित किया गया है।
हालांकि, यह पॉलिसी छह माह लागू रहेगी, लेकिन आवेदन एक माह के अंदर करना होगा। इसके लिए 10 मार्च को बिल्डर लॉबी द्वारा एफिडेबिट पर साइन किए जाने थे। लेकिन शर्तो पर राय नहीं बनने से एफिडेबिट पर साइन नहीं किए जा सके। शहर में करीब आधा दर्जन बिल्डर परियोजनाओं को छोडक़र अधिकांश का निर्माण अधूरा है। परियोजना पूरी न होने की वजह से तैयार हो चुके फ्लैटों पर भी निवेशकों को कब्जा नहीं मिल पा रहा है। नियमानुसार सभी फ्लैटों का निर्माण पूरा करने के बाद ही प्राधिकरण कंप्लीशन देता है। इसके बाद ही निवेशकों को फ्लैटों पर कब्जा दिया जा सकता है। प्राधिकरण ने बीच का रास्ता निकालते हुए प्रोजेक्ट सेटलमेंट पॉलिसी बनाई थी। इसके तहत जितने फ्लैट तैयार हो चुके हैं, प्राधिकरण उनका कंप्लीशन दे देगा। इससे निवेशकों को फ्लैटों का कब्जा मिलने का रास्ता साफ हो जाएगा। अधूरे निर्माण को पूरा करने के लिए बिल्डर किसी अन्य के साथ मिलकर प्रोजेक्ट को पूरा कर सकता है। बकाया न देने पर बिल्डर बची जमीन को दूसरे बिल्डर को भी बेच सकता है। प्राधिकरण को भी जमीन लौटाई जा सकती है। इसके चलते जनवरी में शहर के करीब आधा दर्जन बिल्डरों ने पीएसपी के तहत अपनी जमीन वापस करने के लिए प्राधिकरण में आवेदन किया था। इनमे सेक्टर-32ए स्थित वेव इंफ्राटेक भी शामिल है। जिसने प्राधिकरण को सेक्टर-25ए स्थित एक जमीन का हिस्सा वापस करने के लिए आवेदन किया था। बताया गया कि यह वह जमीन है जिसे स्पाईस मॉल पार्किंग के रूप में प्रयोग कर रहा है। इस जमीन की कीमत करोड़ों रुपए आंकी जा रही है। इसके अलावा सेक्टर-74,75,76,78 के बिल्डरों ने भी जमीन वापस करने के लिए आवेदन किए थे।

जिसके लिए बिल्डरों को 10 मार्च तक एक एफिडेबिट पर अपने हस्ताक्षर करने थे। लेकिन अब इसकी तिथि टाल दी गई है।
तय अवधि में आवेदन नहीं करने पर •ाूखंड हो सकते है रद्य
सूत्रों की माने तो निर्धारित अवधि बीतने पर आवेदन न करने वाले बिल्डरों के •ाूखंड आवंटन रद किए जा सकते है। ग्रेटरनोएडा में प्राधिकरण द्वारा कइ बिल्डरों को नोटिस देने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। पंद्रह दिन के अंदर संतोषजनक जवाब न मिलने पर प्राधिकरण आवंटन रद कर सकता है। ऐसे में यदि बिल्डर समय पर एफिडेबिट पर साइन करते है तो इससे हजारों निवेशकों को लैट मिलने का रास्ता साफ हो जाएगा। बिल्डर यदि पॉलिसी से हाथ खींच लेते हैं तो निवेशकों को लैटों पर कब्जा मिलने का मामला अटक जाएगा।


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