नोएडा प्राधिकरण व गौतमबुद्ध विवि में लगे वर्षा जल संचयन प्रणाली की होगी जांच
भूजल प्रदूषण को लेकर एनजीटी सख्त है। एक जनहित याचिका पर फैसला सुनाते हुए एनजीटी ने जनपद के दो सरकारी संस्थानों में लगे वर्षा जल संचयन प्रणाली के जांच के निर्देश दिए है
याचिकाकर्ता ने लगाया आरोप, दोनों स्थानों पर लगे उपकरण मानको पर खरे नहीं
नोएडा(देशबन्धु)। भूजल प्रदूषण को लेकर एनजीटी सख्त है। एक जनहित याचिका पर फैसला सुनाते हुए एनजीटी ने जनपद के दो सरकारी संस्थानों में लगे वर्षा जल संचयन प्रणाली के जांच के निर्देश दिए है। जांच की यह कार्यवाही केंद्रीय प्राधिकरण (सीजीडब्ल्यूए) को सौंपी गई है। यही नहीं नमूने एनजीटी द्वारा मामले में नियुक्त किए गए कोर्ट कमिशनर के सामने लिए जाएंगे। जल प्राधिकरण को रिपोर्ट के साथ चार अगस्त को एनजीटी में प्रस्तुत होना होगा।
शहर में भूजल प्रदूषण बढ़ता जा रहा है। याचिकाकर्ता ने एनजीटी में शिकायत की थी नोएडा प्राधिकरण व ग्रेटरनोएडा में गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय में लगाए गए वर्षा जल संचयन प्रणाली मानको के अनुरूप नहीं है। यह वर्षा जल व सीवर के पानी को बिना साफ किए सीधे भूजल में मिला रहा है। इससे साफ भूजल की गंदा होता जा रहा है।
याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय व नोएडा प्राधिकरण में लगाए गए वर्षा जल संचयन प्रणाली के पाइप को सीधे भूजल से जोड़ दिया गया है। ऐसे में बिना साफ किया पानी यानी सीवर का पानी सीधे ही भूजल में मिल रहा है।
याचिका पर एनजीटी ने सख्त रवैया अपनाते हुए केंद्रीय भूजल प्राधिकरण को निर्देश दिए कि वह दोनों ही स्थानों पर लगे संचयन प्रणाली की जांच करे। यही नहीं अदालत से एक आयुक्त की नियुक्त भी मामले में की गई है। आयुक्त की निगरानी में ही दोनों स्थानों से नमूने लिए जाएंगे।
यह नमूने केंद्रीय भूजल प्राधिकरण द्वारा मान्यता प्राप्त प्रयोगशाला जाएंगे। रिपोर्ट के साथ चार अगस्त को भूजल प्राधिकरण को एनजीटी में रिपोर्ट भेजनी होगी। जिसके बाद सुनवाई पर फैसला सुनाया जाएगा।


