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हथियार का लाइसेंस लेने से पहले वन विभाग से एनओसी ज़रूरी, जानिए क्या है वज़ह

मध्य प्रदेश सरकार ने वन मंडलों में लगातार हो रहे जंगली जानवरों के अवैध शिकार पर रोक लगाने के लिए कमर कस ली है

हथियार का लाइसेंस लेने से पहले वन विभाग से एनओसी ज़रूरी, जानिए क्या है वज़ह
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ग्वालियर: मध्य प्रदेश सरकार ने वन मंडलों में लगातार हो रहे जंगली जानवरों के अवैध शिकार पर रोक लगाने के लिए कमर कस ली है, 2022 में लागू वन्य जीव संरक्षण अधिनियम के तहत अब हथियार का लाइसेंस लेने से पहले वन विभाग से एनओसी लेनी होगी। यदि य़ह नियम सख्ती से लागू होता है तो वन्य जीवों के अवैध शिकार में कमी आएगी।
वन मण्डल के सीसीएफ टी एस सुलीया ने देशबंधु को बताया कि देश में बढ़ रहे वन्यजीवों के अवैध शिकार के मद्देनजर प्रदेश सरकार ने वन्यजीवों की सुरक्षा हेतु हथियार का लाइसेंस लेने वालों को वन विभाग द्वारा एनओसी जारी करने की शर्त रख दी है इससे वन्य प्राणियों को बड़ी राहत मिलने के साथ हथियारशुदा लोगों का डाटा भी वन मंडल में रहेगा जिससे अवैध शिकार करने वाले अपराधियों तक जल्द पहुंचा जा सकेगा, आपको बता दें की वन्य संरक्षण अधिनियम के तहत अभ्यारण क्षेत्र की सीमा के 10 किलोमीटर के अंतर्गत आने वाले गांव और शहरों में हथियार का लाइसेंस लेने वालों को वन विभाग से भी अनापत्ति प्रमाण पत्र लेना होगा।

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