75 साल बाद एक बार फिर साहित्य का नोबेल पुरस्कार नहीं दिया जाएगा
75 साल बाद एक बार फिर साहित्य का नोबेल पुरस्कार नहीं दिया जाएगा, नोबेल पुरस्कार देने वाली संस्था कई विवादों में फंस गई है,जिसके चलते स्वीडिश एकेडमी ने अवॉर्ड नहीं देने का फैसला लिया।

नई दिल्ली। 75 साल बाद एक बार फिर साहित्य का नोबेल पुरस्कार नहीं दिया जाएगा बताया जा रहा है कि नोबेल पुरस्कार देने वाली संस्था कई विवादों में फंस गई है, जिसके चलते स्वीडिश एकेडमी ने अवॉर्ड नहीं देने का फैसला लिया।
दरअसल दुनिया में सबसे सम्मान और आदर के साथ देखे जाने वाली स्वीडिश एकेडमी स्कैंडल में फंस गई है, इसका खुलासा पिछले साल उस वक्त हुआ था जब नवंबर में करीब 18 महिलाओं ने #Me too आंदोलन के जरिए एकेडमी के सदस्य फ्रेंच फोटोग्राफर अरनॉल्ट पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। जिसके बाद अवॉर्ड देने वाली 18 सदस्यों वाली संस्था ने अरनॉल्ट और उनकी पत्नी कटरीना फ्रोस्टेनसन से किनारा कर लिया।
संस्था ने दोनों से सभी रिश्ते तोड़ लिए थे। इस विवाद के बाद से ही संस्था के 6 अहम सदस्य कमेटी से इस्तीफा दे चुके हैं। ऐसी स्थिति में साहित्य का नोबेल दिए जाने पर संशय बना हुआ था। लेकिन अब स्वीडिश एकेडमी ने यह पुरस्कार न दिए का फैसला लिया है स्वीडिश एकेडमी ने स्टॉकहोम में एक साप्ताहिक बैठक में यह जानकारी दी। आपको बता दें कि 75 साल में यह दूसरा मौका है जब इस सम्मान को स्थगित किया गया हो। इससे पहले साल 1943 में साहित्य नोबेल पुरस्कार द्वितीय विश्व युद्ध की वजह से स्थगित किया गया था। आपको बता दें कि डायनेमाइट के आविष्कारक अल्फ्रेड नोबेल की याद में हर साल नोबेल पुरस्कार दिया जाता है।


