तालाबों में पानी नहीं,निस्तार का संकट गहराया
बारिश को अभी समय है पर क्षेत्र के तालाबों का गहरीकरण व सफाई का काम अब तक शुरू नही किया गया है

रख-रखाव के अभाव में कई तालाब सूखे
मनेन्द्रगढ़। बारिश को अभी समय है पर क्षेत्र के तालाबों का गहरीकरण व सफाई का काम अब तक शुरू नही किया गया है। तालाब सूख कर खेत होने की कागर पर हैं। बारिश के पानी के साथ आई मिट्टी से तालाब और उथला हो जाएगा। एेसे मेें लगता हैं कि आने वाले समय में ग्रामीणों को पानी की कमी से जूझना होगा।
मनेन्द्रगढ़ समेत आसपास के अन्य ग्रामीण क्षेत्रोंं में भीषण गर्मी का असर देखा जा रहा है। ग्राम पंचायतों में बने तालाब सूखने की कगार पर है वहीं कई तालाब तो सूख चुके है पर न तो जनपद पंचायत और न ही ग्राम पंचायत इस ओर कोई ध्यान दे रहा है।
जहां ग्राम पंचायतों को तालाबों को लीज में देकर अच्छी कमाई तो कर ले रहे हैं पर तालाब की मरम्मत व गहरीकरण की ओर कोई ध्यान नही दिया जा रहा है। विकासखंड अंतर्गत लगभग २ सौ तालाब होंगे पर जनप्रतिनिधि व अधिकारियों का इस ओर ध्यान न देना ग्रामीणों को निस्तार के लिये गंदा पानी का उपयोग करना पड़ता है।
पुराने तालाब अपने अस्तित्व को खोते जा रहे हैं। अगर इस पर समय रहते कोई ध्यान न दिया गया तो इंसानों को तो पानी हैंडपंप या कुओं से काम चला लेते हैं पर वे बेजुबान जानवर क्या करें उन्हें तो पानी के लिये काफी मशक्कत करनी पड़ती है। अगर समय रहते जनप्रतिनिधि व अधिकारियों द्वारा इस ओर ध्यान नही दिया जाता।
अगर इस बारिश के पूर्व तालाबों का गहरीकरण हो जाता तो जल संकट से कुछ राहत मिल सकती थी। जबकि शासन द्वारा कई तालाब मरम्मत व गहरीकरण के लिये कई योजनाएं चलाई जा रही हैं पर जनपद व ग्राम पंचायत में बैठे अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों द्वारा ध्यान न देने से तालाब की उपेक्षा होती जा रही है जिसके चलते तालाबों की संख्या घटकर आधी से भी कम हो जा रही है।


