अफगानिस्तान सरकार से नहीं चल रही कोई वार्ता : तालिबान
तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने एक बयान में कहा, "जनरल निकोलसन के ऐसे आधारहीन दावों से हम साफ इनकार करते हैं

काबुल। अफगानिस्तान में अमेरिका और नाटो सेनाओं के प्रमुख जनरल जॉन निकोलसन द्वारा पिछले सप्ताह अफगानिस्तान सरकार और आतंकवादी संगठन तालिबान के बीच वार्ता का बयान देने के बाद शुक्रवार को तालिबान ने अफगानिस्तान सरकार के साथ किसी भी प्रकार की वार्ता को नकार दिया। तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने एक बयान में कहा, "जनरल निकोलसन के ऐसे आधारहीन दावों से हम साफ इनकार करते हैं। बातचीत को लेकर इस्लामी अमीरात की नीति की घोषणा पहले भी कई बार हो चुकी है और इसमें कोई राज नहीं है।"
समाचार एजेंसी एफे के अनुसार, मुजाहिद ने निकोलसन पर 'मनगढ़ंत बयान देकर अपनी असफलताओं से ध्यान भटकाने और अफगानिस्तान को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की असफल नीतियों को उजागर करने के बजाए अमेरिकी मीडिया को गलत दावों में उलझाए रखने' का आरोप लगाया।
निकोलसन ने बुधवार को अफगानिस्तान की मौजूदा स्थिति की तुलना कोलंबिया की शांति प्रक्रिया से की थी। उन्होंने कहा था कि वहां हिंसा के बीच विद्रोही संगठन से बातचीत हुई थी और अंत में यह सफल रही।
जनरल का यह बयान अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी द्वारा फरवरी में तालिबान को बातचीत का प्रस्ताव देने के संदर्भ में आया था।
फरवरी में गनी ने तालिबान को राजनीतिक दल की मान्यता देने, राजनीतिक कार्यालय खोलने, पासपोर्ट के मुद्दे और उनके परिवारों के पुनर्वास तथा जेल में बंद उनके साथियों को आजाद करने का प्रस्ताव दिया था।
तालिबान के कुछ धड़ों ने सरकार का प्रस्ताव सशर्त स्वीकार कर लिया था लेकिन मुल्ला हिबातुल्ला की अगुआई वाले मुख्य धड़े ने इस प्रस्ताव को धोखा और साजिश बताते हुए खारिज कर दिया था।
तालिबान का कहना है कि अफगानिस्तान की सरकार अमेरिका की कठपुतली है। ऐसे में इससे बात करने के बजाए वह सीधे अमेरिका से वार्ता करना पसंद करेगा।


