पैसे लेकर नहीं कराई नकल,छात्रों में आक्रोश
10 वीं की ओपन स्कूल परीक्षा के दौरान छात्रों ने जमकर हंगामा किया है छात्रों का आरोप है कि सामूहिक नकल कराने को लेकर उनसे पैसा लिए गए थे

अंबिकापुर। 10 वीं की ओपन स्कूल परीक्षा के दौरान छात्रों ने जमकर हंगामा किया है। छात्रों का आरोप है कि सामूहिक नकल कराने को लेकर उनसे पैसा लिए गए थे। पैसे लेकर नकल नहीं कराने से भड़के करीब 9 सौ छात्रों ने परीक्षा केंद्र शंकरगढ़ के प्रदर्शन किया। 10 वीं विज्ञान विषय में कुसमी में जिला शिक्षा अधिकारी ने 18 प्रकरण बनाया । छात्रों के हंगामे के बाद मामले की फौरन पुलिस को सूचना दी गई। जिसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने छात्रों को शांत कराया।
इसके पहले शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कुसमी में दसवीं बोर्ड की पूरक परीक्षा 2017 के दौरान सामूहिक नकल का मामला सामने आया था। कुसमी परीक्षा केंद्र में परीक्षा के मूल्यांकन के दौरान पता चला था कि सभी बच्चों की कॉपियां एक जैसी लिखी गई है। मामले में जिला शिक्षा विभाग के द्वारा शिक्षा अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की गई थी।
ओपन स्कूल से पास करने वाले विद्यार्थियों को आईआईटी, ट्रिपलआईटी, एनआईटी, एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटीज में दाखिला लेने की अनुमति मिलने के बाद इसका क्रेज बढ़ा है। लेकिन जिस तरह से नकल के मामले सामने आ रहे हैं। उससे साफ है कि छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ किया जा रहा है। ओपन स्कूल से पास करने वाले विद्यार्थियों को आईआईटी, ट्रिपलआईटी, एनआईटी, एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटीज में दाखिला लेने की अनुमति मिलने के बाद इसका क्रेज बढ़ा है।
लेकिन जिस तरह से नकल के मामले सामने आ रहे हैं। उससे साफ है कि छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ किया जा रहा है। इस वर्ष ओपन परीक्षा केंद्र 10 बनाया गया है, जिसमे 11601 परीक्षार्थी बैठ रहें है। छत्तीसगढ़ राज्य ओपन परीक्षा में सामूहिक नकल रुक नही सकता इसका उदाहरण बलरामपुर जिले केंद्रों में देखने को मिल रहा है। कुसमी में 12 वीं परीक्षा में पहले दिन ही 17 प्रकरण बनाया गया था । 10 वीं का पहले दिन ही 18 प्रकरण बनाया गया। जिले में ओपन परीक्षा केंद्र कुल 10 बनाया गया था । जिसमे 11601 परीक्षार्थी बैठ रहे है।
10 केंद्र बनाए गए
वाड्रफनगर बालक, रामानुगजंग बालक, बलरामपुर बालक, राजपुर कन्या शाला, परसागुड़ी बालक, शकंरगढ़ बालक, शंकरगढ़ कन्या,कमारी हाई स्कूल, कुसमी बालक व कन्या केंद्र बनाया गया है।जिसमें 11601 परीक्षार्थी बैठ रहे है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ओपन केंद्रों में सामूहिक नकल होता है किसी और के स्थान पे दूसरे लोग बैठ कर परीक्षा देते है। जिन शिक्षकों का रुम में डियूटी लगता है प्रतिदिन सौ से दो सौं रुपए नक़ल करवाने के नाम पर पैसा लिया जाता है। उसके बाद प्रेटिकल नम्बर के नाम पर 5-5 सौं रुपए की वसूली की जा रहीं है।
प्रशासन अगर ओपन परीक्षा केंद्रों में सी.सी. टीवी कैमरा लगा दे तो सामूहिक नकल पूरी तरह रूक सकता हैं। कई लोग अपने दिमाग दे पढ़- लिख कर कुछ करने के योग बन सकेंगे। रेगुलर छात्र- छत्राएँ पूरे वर्ष पढ़ाई कर 50 से 60 प्रतिशत लाते है। ओपन वाले नकल कर 80 से 90 प्रतिशत लाते है। शासन – प्रशासन को ओपन सेंटर ही खत्म कर देना चाहिए। ताकि छात्र- छात्राओं का उज्वल भविष्य बन सकें।
मामला क्या था
छात्र- छात्राओं व अभिभावकों का आरोप था कि जब राजपुर में ओपन का सेंटर था। उसी समय फार्म भरने के दौरान ही कुछ शिक्षको के द्वारा अच्छे नम्बरों से पास कराने के नाम पर 5 से 10 हज़ार रूपए प्रति व्यक्ति से लिया गया था । उसके बाद राजपुर का सेंटर शकंरगढ़ हो गया। यहां सभी परेशानी हो रही है। यहां नक़ल चलने नहीं दे हैं। सभी को पैसा वापस चाहियें इसी को लेकर परीक्षा केंद्र के सामने परीक्षा के दौरान ही धरना प्रर्शन कर प्रशासन के ख़िलाफ़ नारेबाजी चालू कर दिए।
परीक्षा केंद्र बदले गए
इनका आरोप है कि जब राजपुर में सेंटर था उसी समय ओपन परीक्षा फार्म भरने के दौरान ही पास कराने के नाम पर कुछ शिक्षकों के द्वारा पैसा लिया गया था। अब सेंटर शकंरगढ़ हो गया इसी को लेकर परीक्षा केंद्र पहुंच कर प्रदर्शन किया गया। हम बोल दिए आप जिनको पैसा दिए है उन से आप मांग ले।
सुषमा सोनी
केंद्राध्यक्ष- शकंरगढ़
मामले की जांच होगी
10 वीं ओपन परीक्षा केंद्र में 18 प्रकरण कुसमी से बना है। पूरे ओपन परीक्षा केंद्र में फार्म के दौरान कौन- कौन कितना पैसा लिया है। पूरे मामले की जांच कराई जायेगी मामले में जो भी दोसी होंगे उनके ऊपर कार्यवाई की जायेगी। आईपी गुप्ता
जिला शिक्षा अधिकारी


