आंगनवाड़ियों को चतुर्थ वर्ग का दर्जा दिये जाने की कोई योजना नहीं: अर्चना चिटनिस
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भोपाल। मध्यप्रदेश की महिला एवं बाल विकास मंत्री अर्चना चिटनिस ने आज विधानसभा में कहा कि सरकार की प्रदेश की आंगनवाड़ियों में कार्यरत कार्यकर्ता व सहायिकाओं को शासकीय कर्मचारी घोषित करने तथा तृतीय एवं चतुर्थ वर्ग का दर्जा दिये जाने की कोई योजना नहीं है।
विधायक राजेंद्र फूलचंद वर्मा के एक सवाल के लिखित जवाब में उन्होंने यह जानकारी दी मंत्री चिटनिस ने कहा कि प्रदेश में संचालित एकीकृत बाल विकास परियोजना (आईसीडीएस) योजना भारत सरकार द्वारा निर्धारित किये गये स्वरूप अनुसार प्रदेश में लागू है।
आंगनवाड़ी कार्यकर्ता/सहायिका भारत सरकार द्वारा निर्धारित नियमों के तहत कार्य करने वाले मानसेवी कार्यकर्ता है।
आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, सहायिकाओं एवं मिनी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता को भारत सरकार द्वारा निर्धारित मानदेय एवं प्रदेश सरकार द्वारा अतिरिक्त मानेदय का भुगतान किया जाता है।
आंगनवाड़ी कर्मियों की सेवायें मानसेवी होने से इन्हें महंगाई भत्ता, भविष्य निधि पेंशन, स्थानान्तरण, मेडिकल आदि की सुविधायें प्रदान नहीं की जाती है।
विधायक दिलीप सिंह शेखावत के सवाल के लिखित जवाब में मंत्री ने बताया कि आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को कुल पांच हजार रुपए और आंगनवाड़ी सहायिकाओं को ढाई हजार रुपए प्रतिमाह का मानदेय दिया जाता है।
भारत सरकार द्वारा आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के पद को मानसेवी श्रेणी में रखा गया है और उनका मानदेय बढ़ाने का निर्णय भारत सरकार द्वारा लिया जाता है।
मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा अतिरिक्त मानदेय बढ़ोतरी किए जाने पर विचार किया जा रहा है, यह निर्णय नीतिगत होने के कारण समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है।
मध्यप्रदेश में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता लंबे समय से अपना वेतन बढ़ाने और स्वयं को शासकीय वेतनभोगी घोषित करने की मांग कर रहे हैं।


