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8 माह से पेंशन नहीं, 2 माह से चावल के लिए भटक रहे ग्रामीण

करतला विकासखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत सलिहाभांठा के आश्रित ग्राम बनगवांभांठा के ग्रामीण दोहरी मार से परेशान

8 माह से पेंशन नहीं, 2 माह से चावल के लिए भटक रहे ग्रामीण
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हितग्राहियों ने कलेक्टर से लगाई गुहार

कोरबा। करतला विकासखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत सलिहाभांठा के आश्रित ग्राम बनगवांभांठा के ग्रामीण दोहरी मार से परेशान हैं। गांव के हितग्राहियों को 8 माह से पेंशन नहीं मिली है। वहीं जून माह से उन्हें चावल का वितरण नहीं किया गया है।

शिकायत लेकर दर्जनों की संख्या में जिला मुख्यालय पहुंचे हितग्राही ग्रामीणों ने कलेक्टर जनदर्शन में अपनी पीड़ा बताई। उन्होंने कलेक्टर मो. कैसर अब्दुल हक को आवेदन सौंपकर बताया कि पिछले 8 माह से उन्हें निराश्रित, वृद्धा सहित अन्य पेंशन का वितरण नहीं किया जा रहा है। अधिकारियों के कार्यालय के चक्कर लगा-लगाकर वे थक चुके हैं। इसके अलावा जून माह से गांव के हितग्राहियों को सोसायटी से चावल का वितरण नहीं किया गया है। ग्रामीणों का कहना है कि पेंशन राशि नहीं मिलने एवं सोसायटी से चावल प्राप्त नहीं होने पर उन्हें बाजार से चावल खरीदना पड़ रहा है जिससे उन पर आर्थिक बोझ बढ़ गया है। इसके लिए कई ग्रामीण तो कर्ज लेने पर मजबूर हैं। ग्रामीणों ने समस्या का जल्द निराकरण की मांग की है।

फर्जी प्रस्ताव से 14वें वित्त राशि की बंदरबाट का आरोप
पाली विकासखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत सरईसिंगार की सरपंच शिव कुमारी एवं सचिव बिसाहू राम राज पर आरोप लगाया गया है कि पंचों को तवज्जो न देते हुए विकास कार्यों में अपनी मनमर्जी चलाई जा रही है। सरपंच-सचिव मनगढ़ंत प्रस्ताव घर में बैठकर तैयार करते हैं। जनप्रतिनिधियों के हस्ताक्षर कॉलम में उपस्थिति दिखाकर दोनों अपने सील एवं हस्ताक्षर के माध्यम से बैंक से 14वें वित्त की राशि का आहरण कर बंदरबाट कर रहे हैं। आरोप है कि पंचायत भवन में ऑडिट के लिए ऑडिटर न बुलाकर सरपंच अपने घर में ही पंचायत के लेखा-जोखा का ऑडिट करवाती हैं। चूंकि बिल व्हाऊचर अधिकांश फर्जी होता है इसलिए पंचायत भवन में ऑडिट नहीं करवाया जाता जिसकी सूक्ष्म जांच करवाने की आवश्यकता है। ग्रामीणोंं ने बताया कि ग्राम पंचायत सरईसिंगार नया ग्राम पंचायत है इस लिहाज से यहां मूलभूत सुविधाओं की काफी कमी है। इसके बावजूद सरपंच व सचिव विकास कार्यों को संपादित किए बगैर शासकीय मद का स्व उपयोग कर रहे हैं जिससे गांव का विकास कार्य प्रभावित हो गया है।


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