डिजिटल सिग्नेचर के बिना अब पंचायतें नहीं निकाल सकेंगी राशि
पंचायतों के कार्यो में पारदर्शिता लाने अब केन्द्र सरकार द्वारा दी जाने वाली 14 वें वित्त आयोग की राशि का आहरण डिजिटल सिग्नेचर के बिना कोई भी पंचायत नहीं कर सकेगा

सभी कार्यों को भी करना होगा अपलोड, मनमानी पर लगेगी रोक
बिलासपुर। पंचायतों के कार्यो में पारदर्शिता लाने अब केन्द्र सरकार द्वारा दी जाने वाली 14 वें वित्त आयोग की राशि का आहरण डिजिटल सिग्नेचर के बिना कोई भी पंचायत नहीं कर सकेगा। साथ ही कार्यो को ऑनलाइन अपलोड भी करना पड़ेगा। इससे पंचायतों की मनमानी पर लगाम लगेगी।
वहीं डिजिटल सिग्नेचर प्रमाण पत्र बनवाने एक पंचायत को 580 रूपए का शुल्क देना होगा। ग्राम पंचायत के सभी प्रस्ताव, ग्राम सभा की बैठक व अन्य गतिविधियां अब ऑनलाइन किया जा रहा है। ताकि गड़बड़ी पर रोक लगाई जा सके।
गौरतलब है कि पंचायतों द्वारा शासन की विभिन्न मद की राशि का दुरूपयोग करने की शिकायतें पर शासन द्वारा अब पंचायतों की सभी गतिविधियों को ऑनलाइन किया जा रहा इसी कड़ी में अब केन्द्र सरकार द्वारा दिए जाने वाले 14 वें वित्त आयोग के अंतर्गत प्राप्त अनुदान को भी पंचायतें डिजिटल सिग्नेचर प्रमाण पत्र बिना आहरण नहीं कर पाएंगे वहीं एक-एक कार्य को भी उन्हें ऑनलाइन करना होगा।
इसके लिए चिप्स द्वारा सभी पंचायतों के संरपच व सचिव को प्रमाण पत्र बनवाने 580 रूपए शुल्क लिया जाएगा। यदि कोई दो अलग-अलग जगह के प्रभार में है तो उनको दो फार्म भरकर प्रमाण पत्र बनवाना होगा।
पंचायतों की सभी गतिविधियां ऑनलाइन
पंचायतों की विभिन्न गतिविधियों को 12 अलग-अलग तरह के साफ्टवेयर में अपलोड करने का कार्य तो पहले से ही शुरू कर दिया गया है। जिससे पंचायत के सभी कार्यो में पारदर्शिता आई है और आय-व्यय से लेकर सभी प्रकार का लेखा-जोखा साफ्टवेयर में अपलोड किया जा रहा है। ग्राम सभा की बैठक में जो प्रस्ताव पास किया जाता है उसे भी ऑनलाइन करने का प्रयास किया जा रहा है।
इन कार्यों में किया जाना है खर्च
14 वें वित्त आयोग की राशि का खर्च ग्राम पंचायत द्वारा कुल आबादी पर 80 फीसदी राशि और 20 फीसदी अनुसूचित जाति व जनजाति पर खर्च किया जाता है। मुख्य रूप से पेयजन सुविधा, स्वच्छता, ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन, बाढ़ के पानी की निकासी, सड़कों का रखरखाव, फूटपाथ, श्मशान भूमि व अन्य मूलभूत सुविधाओं जिनका कार्य राज्य सरकार द्वारा ग्राम पंचायतों को दिया गया है, जो निर्माण व रखरखाव पर व्यय किया गया है।


