नसबंदी कांड के बाद ढाई साल में एक भी ऑपरेशन नहीं
विकासखण्ड में ढ़ाई वर्ष पूर्व हुए नसबंदी काण्ड के बाद अब स्वास्थ्य विभाग द्वारा इस विकासखण्ड में एक भी नसबंदी नहीं की गई है

तखतपुर। विकासखण्ड में ढ़ाई वर्ष पूर्व हुए नसबंदी काण्ड के बाद अब स्वास्थ्य विभाग द्वारा इस विकासखण्ड में एक भी नसबंदी नहीं की गई है और न ही इसके लिए प्रचार प्रसार कर प्रयास किया जा रहा है। जिन महिलाओं को नसबंदी करानी है वे अपनी इच्छा से सिम्स या निजी अस्पतालों में जाकर नसबंदी करा रहे है नसबंदी नही होने से प्रदेश में परिवार नियोजन योजना को जबरदस्त झटका लगा है।
विकासखण्ड अंतर्गत पेण्डारी स्थित अस्पताल मेंं 83 महिलाओं की नसबंदी के लिए शिविर 11 नवम्बर 2014 को लगाया गया था जिसमें नसबंदी के बाद प्रथम दिवस ही 7 महिलाओं की मृत्यु हो गई तथा अस्पतला से स्वास्थ्य लाभ के लिए 52 महिलाओं को घर भेजा गया जिसमें 6 महिलाओं की बाद में मृत्यु हो गई इस नसबंदी काण्ड में 13 महिलाओं की मृत्यु हुई थी और इसमें तात्कालिन चिकित्सकों को निलंबित भी किया गया था। मृत्यु के बाद पूरे प्रदेश में इस नसबंदी काण्ड की गुंज हुई थी जिससे स्वास्थ्य विभाग में खलबली मच गई थी इस नसबंदी काण्ड के बाद शासकीय अस्पतलों में नसबंदी क रने के लिए डाक्टरों के भी हाथ कांपने लगे थे।
जहां पहले स्वास्थ्य विभाग के द्वारा प्रतिमाह परिवार नियोजन के लिए अलग-अलग जगहों और तिथी तय किया जाता था जिसमें स्वास्थ्य कार्यकर्ता सहित अन्य विभागीय कर्मचारीयों को नसबंदी करवाने के लिए लोगों को प्रेरित करने तथा शिविर स्थल पर लाने की जवाबदारी दी जाती थी तथा प्रोत्साहन राशि भी दिया जाता था लेकिन इस नसबंदी काण्ड के बाद विभाग के कर्मचारीयों के कान खड़े हो गए। इन दिनों जब से नसबंदी काण्ड हुआ है विकासखण्ड में स्वास्थ्य विभाग में एक भी नसबंदी कैम्प नही लगाए गए है और न ही इसके लिए कोई प्रचार प्रसार किया जा रहा है।
परिवार नियोजन कार्यक्रम बंद हो जाने से जनसंख्या नियंत्रण कार्यक्रम में विराम लग गया है। यदि कोई महिला स्वयं से नसबंदी कराने के लिए स्वास्थ्य केंद्र पहुंचती है तो उसी सिम्स या अन्य अस्पतालों में जाकर नसबंदी कराने को कहा जाता है। यदि लोगों में नसबंदी के प्रति जागरूकता नही फैलाई गई तो इस विकासखण्ड में सदा के लिए नसबंदी कार्यक्रम की भी नसबंदी हो जाएगी।


