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अन्नदान की महत्ता को भारतीय से अधिक कोई नहीं समझ सकता : मुख्यमंत्री योगी

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को वाराणसी के दुर्गाकुंड स्थित हनुमान प्रसाद पोद्दार अंध विश्वविद्यालय में भाई जी अन्न क्षेत्र के शुभारंभ कार्यक्रम में शिरकत की

अन्नदान की महत्ता को भारतीय से अधिक कोई नहीं समझ सकता : मुख्यमंत्री योगी
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वाराणसी। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को वाराणसी के दुर्गाकुंड स्थित हनुमान प्रसाद पोद्दार अंध विश्वविद्यालय में भाई जी अन्न क्षेत्र के शुभारंभ कार्यक्रम में शिरकत की। सीएम बच्चों से मुखातिब हुए और हालचाल जाना। सीएम किचन की व्यवस्थाओं से भी अवगत हुए।

सीएम योगी ने कहा कि सनातन धर्म की परंपरा अन्न दान को पवित्र दान के रूप में लेती है। 'अन्नम् ब्रह्म' कहकर भारत की वैदिक परंपरा ने इसे अत्यंत महत्व दिया है। अन्न को ब्रह्म के स्वरूप में रखकर इस दान को पवित्र दान माना है। अन्नदान की महत्ता को किसी भारतीय से अधिक कोई नहीं समझ सकता।

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि दृष्टिबाधित विद्यालय में भाई जी की स्मृति में अन्न क्षेत्र का शुभारंभ होना सुखद अनुभूति का क्षण है। जिन्हें हम विकलांग और समाज उपेक्षित मानता था, परिवार के लोग त्याज्य कर देते थे, उन्हें दिव्यांग कहकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके जीवन व समाज को नई दृष्टि दी है।

उन्होंने कहा कि ऐसे कार्यक्रम धर्मार्थ संस्थाओं के कार्यक्रम बनने चाहिए। धर्मार्थ व सामाजिक संस्थाएं राष्ट्र-समाज के प्रति जिम्मेदारियों का ईमानदारी पूर्वक निर्वहन करना प्रारंभ कर देंगी तो समाज में अभाव, दुख-दरिद्रता के लिए कोई जगह नहीं होगी। सर्वत्र खुशी का माहौल होगा और रामराज्य की स्थिति होगी।

सीएम योगी ने कहा कि जयदयाल गोयनका ने गोरखपुर में गीताप्रेस की स्थापना की। जब 100 वर्ष पहले कल्याण मासिक पत्रिका का प्रकाशन प्रारंभ हुआ और संपादक के रूप में सनातन धर्म के मर्म को समझने वाले व्यक्ति का चयन होना था तो इसके लिए हनुमान प्रसाद पोद्दार भाई जी का चयन हुआ। उन्होंने आजीवन इस व्रत को निभाया। साधन न होने के बावजूद उन्होंने कल्याण के माध्यम से घर-घर तक सनातन धर्म के मूल्यों को पहुंचाने का कार्य किया। धन्यवाद ज्ञापित करने के लिए शताब्दी समारोह के समापन कार्यक्रम में स्वयं प्रधानमंत्री जी गोरखपुर आए थे। इसका शुभारंभ राष्ट्रपति ने किया था।


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