Top
Begin typing your search above and press return to search.

राजस्थान के भीलवाड़ा में तीसरी बार कोई सांसद का चुनाव नहीं जीता

राजस्थान में आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा ने भीलवाड़ा संसदीय क्षेत्र से अपने वर्तमान सांसद सुभाष बहेडिया को फिर से चुनाव मैदान में उतारा है

राजस्थान के भीलवाड़ा में तीसरी बार कोई सांसद का चुनाव नहीं जीता
X

भीलवाड़ा। राजस्थान में आगामी लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने भीलवाड़ा संसदीय क्षेत्र से अपने वर्तमान सांसद सुभाष बहेडिया को फिर से चुनाव मैदान में उतारा है। इस बार उनके पास जीत की तिकड़ी बनाने का मौका है।

भाजपा ने श्री बहेड़िया को चौथी बार लोकसभा चुनाव में पार्टी उम्मीदवार बनाकर उन्हें जीत की तिकड़ी बनाने का मौक़ा दिया है। हालांकि आज़ादी के बाद अब तक भीलवाड़ा लोकसभा क्षेत्र में हुए चुनावों में कोई भी प्रत्याशी तीसरी बार चुनाव नहीं जीत सका है।

श्री बहेडिया को भाजपा ने वर्ष 1996 में पहली बार लोकसभा चुनाव में अपना उम्मीदवार बनाया और उन्होंने महेंद्र सिंह मेवाड़ को हराकर जीत दर्ज की थी। इसके बाद वर्ष 1998 में हुये चुनाव में वह कांग्रेस के रामपाल उपाध्याय से चुनाव हार गये।

श्री बहेडिया को वर्ष 2014 में हुए सोलहवीं लोकसभा चुनाव में फिर उम्मीदवार बनाया और मोदी लहर में वह दूसरी बार सांसद चुने गये। इस बार सत्रहवीं लोकसभा चुनाव में फिर प्रत्याशी बनाया गया है। अब उनके सामने अपनी प्रतिष्ठा को बरकरार रखने की चुनौती होगी। उल्लेखनीय है कि भीलवाड़ा में अब तक किसी भी उम्मीदवार ने तीन बार जीतने का रिकॉर्ड कायम नहीं किया है।

भीलवाड़ा लोकसभा क्षेत्र में कांग्रेस नेता रमेश चंद्र व्यास 1957 में पहला और 1967 में दूसरी बार चुनाव जीतने के बाद तिकड़ी नहीं बना पाये थे। तीसरी बार वर्ष 1971 मे भारतीय जनसंघ के हेमेन्द्र सिंह बनेडा से चुनाव हार गये थे।

काग्रेस के गिरधारीलाल व्यास 1980 में पहली बार तथा 1984 में दूसरी बार भारी मतों से सासंद चुने गये पर तीसरी बार 1989 के लोकसभा चुनाव में भीलवाड़ा सीट से जनता दल के हेमेन्द्र सिह बनेडा से हार गये।

वर्ष 1996 में लोकसभा का चुनाव लड़ने वाले पूर्व मुख्यमंत्री शिव चरण माथुर भी तीसरे चुनाव में श्री बहेडिया के हाथों पराजित होकर इस रिकार्ड को अपने नाम नहीं कर पाये।

श्री माथुर ने लोकसभा का अपना पहला चुनाव कांग्रेस प्रत्याशी के रुप में 1964 में भीलवाड़ा के उपचुनाव के ज़रिए जीता था। दूसरी बार वह 1991 में भीलवाड़ा लोकसभा क्षेत्र से विजयी हुये थे। वर्ष 1996 का चुनाव उन्होंने तिवारी कांग्रेस के प्रत्याशी के रूप में लड़ा और पराजित हो गये।

भाजपा ने 1999 के लोकसभा चुनाव में वी.पी सिंह को मैदान में उतारा तथा वह लगातार दूसरी बार 2004 लोकसभा चुनाव जीते, लेकिन इसके अगले चुनाव में वह कांग्रेस के डा. सी.पी.जोशी से चुनाव हार गये। इसी तरह पूर्व बनेडा राजघराने के हेमेन्द्र सिंह बनेडा 1971 में मात्र पच्चीस वर्ष की उम्र में पहला चुनाव भारतीय जनसंघ के बैनर से जीते और दूसरा चुनाव 1989 में जनता पार्टी के प्रत्याशी के रुप में जीता, लेकिन तीसरी बार उन्हें किसी राजनीतिक पार्टी से टिकट नहीं मिला।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it