दवा खरीदने पैसे नहीं, पीड़ित पंडो परिवार वापस जाने मजबूर
टिटनेस पीड़ित एक पंडो मरीज को बीते दिन को वापस घर ले जाने के लिए तैयार दिखे

अम्बिकापुर। टिटनेस पीड़ित एक पंडो मरीज को बीते दिन को वापस घर ले जाने के लिए तैयार दिखे। इनका कहना था बाहर दवा दुकान में जाने पर चिकित्सक द्वारा लिखी गई दवा की कीमत 5 हजार रूपये बताई गई। उनके पास घर वापस जाने के लिए रूपये नहीं हैं, तो दवा कहां से खरीदेंगे।
सूरजपुर जिले के भैयाथान विकासखंड अंर्तगत ग्राम पासल निवासी नानभैया पंडो पिता हीरासाय 50 वर्ष को टिटनेस होने पर परिजन क्षेत्रीय अस्पतालों का चक्कर काटने के बाद रिफर करने पर मेडिकल कॉलेज अस्पताल अम्बिकापुर लाकर भर्ती कराए थे। रविवार को मरीज छुट्टियों के बीच नर्सों और वार्ड में पहुंचने वाले चिकित्सकों की सामान्य तीमारदारी के बीच पड़ रहा गया। दूसरे दिन को पीड़ित अधेड़ को चिकित्सक ने देखा और आवश्यक दवाओं की पर्ची पंडो परिवार को थाम दी। दवा की पर्ची को लेकर अस्पताल के दवा वितरण कक्ष की भीड़ से जूझते पौन घंटे बाद जब उसकी बारी आई और पर्ची को दिखाया, तो उसे 7 नंबर कक्ष में जाने के लिए कहा गया।यहां भी उसे दवा नहीं मिली और बाहर दुकान से दवा लेने के लिए कहा गया। दवा दुकान में जब उसने अस्पताल की पर्ची को दिखाया, तो इसकी कीमत 5 हजार रूपये सुनकर उल्टे पांव गरीब पंडो वापस आ गया।
परिवार के सदस्य में बीमार को वापस घर ले जाने की सलाह करने लगें। भर्ती मरीज के परिजनों की व्यथा को लेकर जब एामएस डॉ. आरके दास से चर्चा की गई,तो उनका कहना था कि आपोडी के कांउटर से उसे दवा मिलेगी। अगर दवा नहीं मिलती है तो इसकी जानकारी आरएमओ या हमें दे, ताकि उसकी समस्या का समाधान हो सके।


