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विपक्षी दलों के हंगामे के बीच लोकसभा में दूसरे दिन भी नहीं हो सका कोई विधायी कार्य

कांग्रेस सहित विभिन्न विपक्षी दलों एवं सत्ता पक्ष के कुछ घटक दलों के अलग-अलग मुद्दों पर जोरदार हंगामे के कारण लोकसभा में आज लगातार दूसरे दिन कोई विधायी कामकाज नहीं हो सका और कार्यवाही दिन भर के लिए

विपक्षी दलों के हंगामे के बीच लोकसभा में दूसरे दिन भी नहीं हो सका कोई विधायी कार्य
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नयी दिल्ली। कांग्रेस सहित विभिन्न विपक्षी दलों एवं सत्ता पक्ष के कुछ घटक दलों के अलग-अलग मुद्दों पर जोरदार हंगामे के कारण लोकसभा में आज लगातार दूसरे दिन कोई विधायी कामकाज नहीं हो सका और कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित करनी पड़ी।



एक बार के स्थगन के बाद सदन की कार्यवाही 12 बजे से शुरू होने से कुछ मिनट पहले से ही विभिन्न दलों के सदस्य आसन के समीप पहुंच चुके थे और अध्यक्ष सुमित्रा महाजन के सीट संभालने से पहले से ही उन्होंने नारेबाजी शुरू कर दी थी।

श्रीमती महाजन ने जोरदार हंगामे और नारेबाजी के बीच जरूरी दस्तावेज सदन पटल पर रखवाये। मुख्य विपक्षी कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के सदस्य जहां सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में हजारों करोड़ रुपए के घोटाले को लेकर नारेबाजी कर रहे थे, वहीं वाईएसआर कांग्रेस और सत्तारूढ जनतांत्रिक गठबंधन की घटक तेलुगूदेशम पार्टी के सदस्य आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर हाथों में बैनर और तख्तियां लेकर हंगामा कर रहे थे।

राजग में शामिल शिवसेना भी आज हंगामे में शरीक हुई और उसके सदस्य मराठी भाषा को शास्त्रीय भाषा का दर्जा देने की मांग कर रहे थे। अन्नाद्रमुक सदस्य कावेरी प्रबंधन बोर्ड गठित करने तथा तेलंगाना राष्ट्र समिति के सदस्य तेलंगाना में आरक्षण का कोटा बढ़ाये जाने की मांग को लेकर शोरशराबा कर रहे थे।

सदन में अराजकता का यह आलम था कि जब संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार कुछ बोल रहे थे, तब सदस्य अपने हाथों में लिये बैनर ऐसे लहराने लगे कि सदन में लगी स्क्रीनों परकुमार का चेहरा बिल्कुल ढक गया। कुमार ने कहा कि सरकार बैंकों के घोटाले को लेकर चर्चा कराने को तैयार है, लेकिन कांग्रेस खुद इससे भाग रही है। न जाने क्यों कांग्रेस चर्चा के बजाय हंगामे की आड़ लेना चाह रही है?

हंगामे के बीच ही अध्यक्ष ने कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खडगे को अपनी बात रखने का अवसर दिया। खड़गे ने कहा कि मोदी सरकार में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के करोड़ों

रुपये की लूट हुई है और सरकार चर्चा कराने से भाग रही है। इसका जवाब श्री कुमार देने लगे, लेकिन हंगामे में उनकी आवाज दब गयी और अंतत: अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी।

इससे पहले भी हंगामे के कारण प्रश्नकाल नहीं हो सका था और सदन की कार्यवाही 12 बजे तक स्थगित करनी पड़ी थी। पूरा सदन सदस्यों के रंग -बिरंगे पटके से रंगीन था। शिवसेना के सांसद भगवा रंग,तेदेपा के सदस्यों ने पीले रंग और अन्नाद्रमुक के सफेद ,लाल आैर काले रंग का तिरंगा पटका लगा रखा था जबकि पूर्वोत्तर के तीन राज्यों त्रिपुरा,मेघालय और नागालैंड में जीत के प्रतीक स्वरूप सत्तारूढ भाजपा के मंत्रियों और सांसदों ने पूर्वोत्तर की पहचान खास पटका गले में लगा रखा था ।


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