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दिल्ली-एनसीआर में हवा की गुणवत्ता पर कोई सुधार नहीं

 दिल्ली-एनसीआर में हवा की गुणवत्ता में अभी भी कोई सुधार नहीं है और यहां लोग लगातार तीसरे दिन जहरीली हवा में सांस लेने को मजबूर हैं।

दिल्ली-एनसीआर में हवा की गुणवत्ता पर कोई सुधार नहीं
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नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर में हवा की गुणवत्ता में अभी भी कोई सुधार नहीं है और यहां लोग लगातार तीसरे दिन जहरीली हवा में सांस लेने को मजबूर हैं। पूरे क्षेत्र के सभी निगरानी केंद्रों में प्रमुख प्रदूषक गुरुवार को 'गंभीर' स्तर पार कर चुके हैं। केंद्र सरकार की वायु गुणवत्ता जांच एवं मौसम पूर्वानुमान व शोध प्रणाली (सफर) के आंकड़ों के अनुसार प्रदूषक पीएम2.5 और पीएम10 गंभीरता के स्तर को पार कर चुके हैं।

राष्ट्रीय मानकों के मुताबिक, पीएम2.5 की सुरक्षित सीमा 60 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिकमीटर और अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुसार 25 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर है।

प्रदूषण स्तर पीएम 2.5 और पीएम10 की रेंज में आने वाले क्षेत्रों में सफर के सभी 10 निगरानी केंद्रों धीरपुर, पीतमपुरा और उत्तरी दिल्ली में दिल्ली विश्वविद्यालय (नार्थ कैम्पस), मध्य दिल्ली में पूसा व लोधी रोड, दक्षिणी दिल्ली में आया नगर और मथुरा रोड, इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा, उत्तर प्रदेश में नोएडा और हरियाणा में गुरुग्राम शामिल हैं।सफर के मुताबिक, शुक्रवार को प्रदूषण का स्तर और बढ़ने का अंदेशा है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने अपने आंकड़ों में दिल्ली की औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक को 491 यूनिट के करीब (गंभीर स्तर से ज्यादा) दर्शाया, जबकि औसत प्रदूषण स्तर पीएम2.5 वाले 13 सक्रिय निगरानी केंद्रों ने सुबह 10 बजे तक प्रदूषण का स्तर 490 यूनिट दर्ज किया।

राजधानी में प्रदूषण का प्रभाव हर किसी पर पड़ेगा, इसलिए लोगों को सभी बाहरी गतिविधियों से दूर रहने और सीने में दर्द होने, असामान्य खांसी होने और सांस लेने में दिक्कत होने पर चिकित्सक से सलाह लेने का सुझाव दिया गया है।


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