Top
Begin typing your search above and press return to search.

लोकतंत्र में अभिव्यक्ति पर रोक नहीं: शंकरसिंह वाघेला

 राष्ट्रपति चुनाव में कांग्रेस विधायकों की क्रॉस वोटिंग से गुजरात में इस चुनावी वर्ष में मची राजनीतिक सनसनी और लंबे समय से बगावती तेवर दिखा रहे

लोकतंत्र में अभिव्यक्ति पर रोक नहीं: शंकरसिंह वाघेला
X

गांधीनगर। राष्ट्रपति चुनाव में कांग्रेस विधायकों की क्रॉस वोटिंग से गुजरात में इस चुनावी वर्ष में मची राजनीतिक सनसनी और लंबे समय से बगावती तेवर दिखा रहे विपक्ष के नेता शंकरसिंह वाघेला के खेमे संदेह की नजरों के बीच पार्टी की ओर से अपने विधायकों और अन्य चयनित प्रतिनिधियों के उनके जन्मदिन पर आज यहां आयोजित एक कार्यक्रम में भाग लेने पर आधिकारिक रोक के बीच वाघेला ने कहा कि लोकतंत्र में अभिव्यक्ति पर राेक नहीं लगायी जा सकती।

उधर उनके विधायक पुत्र महेन्द्र सिंह वाघेला ने पार्टी के इस फैसले पर खुली नाराजगी जताते हुए कहा कि जन्मदिन और ऐसे अन्य सामाजिक कार्यक्रमों को राजनीति का विषय नहीं बनाया जाना चाहिए। उन्होंने इन अटकलों को खारिज कर दिया कि उनके पिता राजनीति से सन्यास लेने की घोषणा कर सकते हैं।

वाघेला ने आज दोपहर यहां टाउन हॉल में आयोजित कार्यक्रम से कुछ घंटे पहले यहां पत्रकारों से कहा कि पार्टी को रोक लगाने का अधिकार है पर विधायकों और अन्य नेताओं को इसे मानने अथवा न मानने का भी अधिकार है। उन्होंने कहा कि उनके कार्यक्रम का गुजरात की तीन राज्यसभा सीटों और उपराष्ट्रपति के आगामी चुनाव से कोई लेना देना नहीं।

क्राॅस वोटिंग के बारे में वाघेला ने कहा कि पार्टी को इस बारे में सभी विधायकों से बातचीत करनी चाहिए। उनकी जिम्मेदारी सभी 57 कांग्रेसी विधायकों का मतदान सुनिश्चत करना था जो उन्होंने बखूबी किया है। यहां तक कि उन्होंने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के भी दोनो विधायकों को विपक्ष के साथ मतदान कराया था। उनके पुत्रमहेंन्द्रसिंह ने कहा कि उनके पिता के 50 साल से भी लंबे सार्वजनिक जीवन में कोई भी उनकी निष्ठा पर सवाल खडा नहीं कर सका है।

उन्होंने कहा कि पिछले 20 साल से कांग्रेस से जुडाव के दौरान किसी ने पार्टी के प्रति उनकी निष्ठा पर कभी प्रश्नचिन्ह नहीं खडा किया। उन्होंने कहा कि वह अन्य विधायकों की भागीदारी के बारे में तो नहीं जानते पर वह पुत्र होने के नाते सम समवेदना कार्यक्रम में जरूर हिस्सा लेंगे।

ज्ञातव्य है किवाघेला के इस सम्मेलन को उनका एक और शक्ति प्रदर्शन माना जा रहा है। गत 24 जून को उन्होंने ऐसे ही एक आयोजन में पार्टी के शीर्ष तथा प्रदेश नेतृत्व पर ही कडे प्रहार किये थे। उन्होंने आज के सम्मेलन में एक जरूरी संदेश देने की घोषणा की है।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it