एयर इंडिया के निजीकरण को लेकर कोई फैसला नहीं हुआ : राजू
नागरिक उड्डयन मंत्री अशोक गजपति राजू ने आज कहा कि सरकारी विमान सेवा कंपनी एयर इंडिया के निजीकरण को लेकर अभी कोई फैसला नहीं हुआ है तथा सरकार “सलाह प्राप्त करने” की प्रक्रिया में है
नयी दिल्ली। नागरिक उड्डयन मंत्री अशोक गजपति राजू ने आज कहा कि सरकारी विमान सेवा कंपनी एयर इंडिया के निजीकरण को लेकर अभी कोई फैसला नहीं हुआ है तथा सरकार “सलाह प्राप्त करने” की प्रक्रिया में है।
राजू ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में इस संबंध में पूछे जाने पर कहा,“ जहां तक एयर इंडिया का सवाल है मुझे बस यही कहना है कि हम सलाह ले रहे हैं। अभी कोई फैसला नहीं हुआ है। जैसे ही इस पर कोई फैसला हो जाता है हम मीडिया के माध्यम से लोगों को इसकी जानकारी दे देंगे।
” टाटा समूह तथा कुछ निजी विमान सेवा कंपनियों के एयरलाइंस में हिस्सेदारी खरीदने की मीडिया में आई खबरों के बारे में उन्होंने हल्के-फुल्के अंदाज में कहा कि उन्हें इस तरह की बातें मीडिया से ही पता चल रही हैं।
करीब 30 हजार करोड़ रुपये के घाटे में चल रही एयर इंडिया के निजीकरण पर सरकार गंभीरता से विचार कर रही है। स्वयं नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री जयंत सिन्हा खुलकर कह चुके हैं कि सरकार एयर इंडिया के निजीकरण के पक्ष में हैं।
नीति आयोग ने भी एयरलाइंस के निजीकरण की सिफारिश की थी। नीति आयोग में सलाहकार (परिवहन) मनोज सिंह ने यूनीवार्ता को बताया कि सरकार का एयरलाइंस चलाने का कोई तुक नहीं बनता।
उन्होंने कहा कि विमान सेवा कंपनी चलाना काफी जोखिम भरा कारोबार है। यह सतत बदलाव वाला क्षेत्र है। सरकार को इससे अलग हो जाना चाहिये। इस सप्ताह सूत्रों के हवाले से मीडिया में खबरें आयी थीं कि टाटा समूह ने एयर इंडिया में दिलचस्पी दिखाई है।
एयर इंडिया या नागरिक उड्डयन मंत्रालय से हालांकि इसकी पुष्टि नहीं हो पायी है। उल्लेखनीय है कि एयर इंडिया की स्थापना टाटा एयरलाइंस के रूप में वर्ष 1932 में उद्योगपति जे.आर.डी. टाटा ने की थी। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद यह एक पब्लिक लिमिटेड कंपनी बन गयी तथा इसका नाम बदलकर एयर इंडिया किया गया।


