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अस्पताल में एंटी रैबीज इंजेक्शन नहीं, मरीजों की बढ़ी परेशानी

पिछले 15-20 दिनों से एमसीएच अस्पताल में एंटी रैबीज के इंजेक्शन उपलब्ध नहीं है। इसके कारण मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है

अस्पताल में एंटी रैबीज इंजेक्शन नहीं, मरीजों की बढ़ी परेशानी
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गौरेला। पिछले 15-20 दिनों से एमसीएच अस्पताल में एंटी रैबीज के इंजेक्शन उपलब्ध नहीं है। इसके कारण मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। आवारा कुत्तों की बढ़ती संख्या के कारण दिन ब दिन ऐसे मरीजों की संख्या मे लगातार वृद्धि होती जा रही है। ऐसी स्थिति में अस्पताल में एंटी रैबीज के इंजेक्शन का नहीं मिलना मरीजों के लिए परेशानी का सबब बनता जा रहा है।

ज्ञात हो कि विगत 29 अप्रैल को ग्राम धनौली निवासी श्रेयस पिता अर्जुन गुर्जर को ग्राम के ही कुत्ते ने काट दिया जिस पर वो मातृ शिशु अस्पताल आया वहा पर रैबीज के इंजेक्शन की उपलब्धता न होना बताया गया जिसपर पीड़ित के परिजनों द्वारा मेडिकल स्टोर से महंगे दाम पर खरीद कर लगवाया एगुरुवार को जब दूसरा इंजेक्शन लगवाने पहुचे तब भी इंजेक्शन अस्पताल के साथ साथ बाजार के मेडिकल स्टोर में न मिलने से भी काफी परेशान नज़र आये।

आवारा कुत्ते के काटने पर मरीजों को तीन से पांच इंजेक्शन लेने पड़ते हैं। अगर किसी को कुत्ते ने काट लिया हो तो ऐसी परिस्थिति में उसको तीन इंजेक्शन लेने पड़ते हैं। यदि पूर्व में उसने टीका नहीं लगवाया है तो वैसे मरीजों को तीन से पांच इंजेक्शन तक लेने पड़ते हैं। मातृ शिशु अस्पताल में एंटी रैबीज इंजेक्शन समाप्त होने के कारण मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

वैक्सीन का स्टाक अस्पताल में खत्म होने के साथ साथ बाजारों में मेडिकल स्टोर्स में भी उपलब्ध नही हो रहा है। जिसके कारण कुछ मेडिकल स्टोरों से महंगे दामों पर इंजेक्शन खरीदकर लगाने को मजबूर हैंए जबकि स्वास्थ्य विभाग इस मामले में खामोश है।

वैक्सिन न होने से मरीज परेशान
डबी अस्पताल में काफी संख्या में मरीज एंटी रैबीज वैक्सीन के लिए पहुंच रहे हैं। आसपास के छेत्रो में भी वैक्सीन नहीं होने से ज्यादा मरीज देहात क्षेत्रों से आ रहे हैं। यहां पर भी उन्हें वैक्सिन नहीं मिलने से परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

न्यूनतम से ज्यादा मरीज
डॉ अभिमन्यु ने बताया कि एक वर्ष में न्यूनतम 200 वैक्सिन लगती थी लेकिन वर्तमान में एक माह में ही करीब 250 इंजेक्शन लगाए जा चुके हंै 50 बाजार के क्रय कर बाजार से लाया गया है।

डा.अभिमन्यु सिंह, चिकित्सक प्रभारी एमसीएचअस्पताल।
पागल कुत्ते के काटने पर ही रैबीज का इंजेक्शन लगवाएं। यदि कुत्ता पागल नहीं हुआ मरीज सुरक्षित है तो उसे इंजेक्शन लगवाने की जरूरत नहीं है। पूरे प्रदेश में वैक्सिन का टोटा चल रहा है। वैक्सिन के लिए उच्च अधिकारियों को पत्र भेज दिया है।


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