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बांग्लादेशी प्रधानमंत्री के आदेश के बाद भी घोटालेबाज पर कार्रवाई नहीं 

बांग्लादेश अंतर्देशीय जल परिवहन प्राधिकरण (बीआईडब्ल्ल्यूटीए) के सूत्रों ने आईएएनएस से पुष्टि की

बांग्लादेशी प्रधानमंत्री के आदेश के बाद भी घोटालेबाज पर कार्रवाई नहीं 
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ढाका। बेगम खालिदा जिया की अगुवाई वाली बांग्लादेश की राजनीतिक पार्टी बीएनपी के भ्रष्ट कारोबारी, करनाफुली शिप बिल्डर्स के मालिक इंजीनियर एम. ए. राशिद को अभी भी सरकारी एजेंसियों से भारी रिश्वत के बदले में समर्थन मिल रहा है। बांग्लादेश अंतर्देशीय जल परिवहन प्राधिकरण (बीआईडब्ल्ल्यूटीए) के सूत्रों ने आईएएनएस से इस बात की पुष्टि की।

योजना मंत्री एम. ए. मन्नान ने आईएएनएस से कहा, "यह कहते हुए दुख हो रहा है कि माननीय पीएम के कहने के मुताबिक, भ्रष्ट शिपिंग कंपनियों और मालिकों को काली सूची में डालने और दंडित करने के मेरे आदेश का सरकारी एजेंसियों द्वारा पालन नहीं किया गया है।"

इससे पहले, बांग्लादेश सरकार ने देश की नदियों की नेविगेबिलिटी बढ़ाने के लिए बीआईडब्ल्ल्यूटीए के लिए 20 ड्रेजर खरीदने का फैसला किया। ड्रेजर की खरीद के हिस्से के रूप में करनाफुली शिप बिल्डर्स को 2017 में 770 करोड़ टका की लागत से 10 ड्रेजर बनाने का वर्क ऑर्डर मिला।

चटोग्राम आधारित एक एकल कंपनी करनाफुली शिप बिल्डर्स ने 2016 में 10 ड्रेजर खरीदने के लिए निविदा को दिया था। इसके तुरंत बाद संसदीय स्थायी समिति की बैठक में बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना ने 10 ड्रेजर खरीदने के लिए एक ही कंपनी होने पर निविदा को मंजूरी देने से इनकार कर दिया।

1975 से पहले बंगबंधु के शासनकाल के दौरान खरीदे गए सात पुराने ड्रेजर, हाल के दिनों में खरीदे गए नए ड्रेजर की तुलना में अभी भी बहुत अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। सूत्रों के अनुसार, नए ड्रेजर्स आपात स्थिति के दौरान उद्देश्य को पूरा करने में विफल रहे हैं।

योजना मंत्री मन्नान ने आईएएनएस को बताया कि बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने 21 जुलाई को राष्ट्रीय आर्थिक परिषद की कार्यकारी समिति बैठक में भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए सक्रिय होने का निर्देश दिया।

इससे पहले, शिपिंग मंत्रालय पर संसदीय स्थायी समिति के कुछ सांसदों ने सवाल उठाया था कि कैसे एक ही कंपनी को हमेशा ड्रेजर बनाने के लिए वर्क ऑर्डर मिलते हैं।

राशिद तीन मछली पकड़ने वाले जहाजों का मालिक है। इनमें से दो का वास्तविक मालिक बीएनपी सरकार के पूर्व जल परिवहन मंत्री दिवंगत (रिटायर) कर्नल अकबर हुसैन का बेटा सिमोन है।

बांग्लादेश के खुफिया अधिकारियों को रिपोर्ट मिली है कि राशिद ने निविदाओं को हड़पने के लिए कुछ असरदार लोगों के माध्यम से बड़ी रकम भेजी थी।

मन्नान ने राशिद के भ्रष्टाचार के बारे में कहा, "मुझे पता है कि बीआईडब्ल्ल्यूटीए में अत्यधिक भ्रष्टाचार है। मुझे याद है कि माननीय प्रधानमंत्री ने भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई करने का आदेश दिया था। मैंने स्वयं आदेश पढ़ा और सरकारी एजेंसियों को उन लोगों को ब्लैकलिस्ट करने के निर्देश दिए जो अभी बड़ी निविदाओं में शामिल हैं। प्रधानमंत्री का स्पष्ट निर्देश था कि भविष्य में उन्हें कोई काम नहीं दिया जाना चाहिए और मैंने इसके लिए कहा। लेकिन, मुझे यह कहना ही पड़ेगा, जैसा कि हम कहते हैं कि आदेश नीचे जाने के दौरान हल्का हो जाता है और इसकी समग्रता घट जाती है।"

उन्होंने कहा, "दुर्भाग्य से इसकी गति बहुत धीमी है। प्रधानमंत्री ने नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने हमसे इसके कारणों का पता लगाने के लिए कहा।"

लेकिन बीआईडब्ल्ल्यूटीए चेयरमैन कमोडोर गोलाम सादिक ने आईएएनएस से कहा, "हां, मैं जानता हूं कि करनाफुली शिप यार्ड एक नियमित कंपनी है जो बीआईडब्ल्ल्यूटीए के साथ काम करती है। लेकिन मैं उनके किसी भी गलत व्यवहार के बारे में नहीं जानता न ही यह जानता हूं कि कंपनी का नाम किसी भी काली सूची में है। जैसा कि मुझे कंपनी के गलत कामों के बारे में पता चला है तो मैं इस आरोप के बारे में पता करूंगा।"

उन्होंने कहा, "लेकिन, टेंडर को मंजूर करने की सर्वोच्च अथॉरिटी माननीय प्रधानमंत्री हैं।"

संसद सदस्यों ने आश्चर्य व्यक्त किया कि कैसे बीआईडब्ल्यूटीए और बांग्लादेश के शिपिंग मंत्रालय ने एक निश्चित कंपनी करनाफुल शिप बिल्डर्स के पक्ष में पीएम की मंजूरी के लिए प्रस्ताव भेजा जबकि खरीद में एक बड़ी राशि शामिल थी।

हालांकि, बीआईडब्ल्यूटीए ने 13 सितंबर 2017 को 940 करोड़ टका की लागत से 10 ड्रेजर, 72 सहायक जहाजों, और अन्य उपकरणों की खरीद के लिए फिर से निविदा जारी की।

सूत्रों ने कहा कि एक अंतर्राष्ट्रीय कंपनी सहित कुल चार कंपनियों ने निविदाएं प्रस्तुत कीं। स्थानीय कंपनियों में करनाफुली शिप बिल्डर्स, खुलना शिपयार्ड (सरकारी) और आनंदा बिल्डर्स लिमिटेड और संयुक्त अरब अमीरात स्थित एपीटी मरीन सर्विसेज लिमिटेड को निविदा में शामिल किया गया था।


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