एनएमडीसी के नीजिकरण का विरोध, बस्तर बंद
एनएमडीसी नगरनार स्टील प्लांट के निजीकरण के विरोध में जनता कांग्रेस छग (जे) के द्वारा आयोजित बस्तर बंद के तहत शहर एवं आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों के प्रतिष्ठान बंद रहे
जगदलपुर। एनएमडीसी नगरनार स्टील प्लांट के निजीकरण के विरोध में जनता कांग्रेस छग (जे) के द्वारा आयोजित बंद के तहत शहर एवं आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों के प्रतिष्ठान बंद रहे।
किन्तु चाय व पान के ठेले तथा सब्जी बाजार खुले रहे। सुबह से ही जनता कांग्रेस छग (जे) के युवा कार्यकर्तागण विभिन्न वाहनों में सवार होकर रिमझिम बारिश के बीच शहर के विभिन्न मार्गो का भ्रमण करते हुए व्यापारियों से अपने प्रतिष्ठाने बंद रखकर बस्तर बंद को सफल बनाने की अपील करते नजर आये। स्थानीय संजय बाजार के समक्ष धरना प्रदर्शन कर राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन तहसीलदार को सौंपा।
धरना को संबोधित करते हुए जनता कांग्रेस छग के उपाध्यक्ष एवं छग विधानसभा के पूर्व उपाध्यक्ष धर्मजीत सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय खनिज विकास निगम भारत सरकार द्वारा बस्तरवासी शिक्षित जनजातिय युवाओं की आकांक्षाओं को धराशाही करते हुए राष्ट्रीय स्तर के उपक्रम नवरत्न की उपाधी से सम्मानित एनएमडीसी द्वारा नगरनार में निर्मित किये जा रहे इस्पात संयंत्र को निजी हाथों में विनिवेश की आड़ में बेचने के षड़यंत्र का विरोध करते हुए क्षेत्रवासियों ने भूमि अधिग्रहण के समय सरकार के पक्ष में कंपनी को भूमि सौंपी थी। यह करार भंग किया जाना अन्याय है।
विगत 50 वर्षो से एनएमडीसी द्वारा बस्तर के खनिज संपदा से हो रही आय के बल पर अपनी 14 से अधिक राष्ट्रव्यापी इकाईयों का घाटा उठाती रही है। किन्तु बस्तर के हित को सरोपरी देखने की मानसिकता नहीं जुटा पाई है।
एनएमडीसी मुख्यालय का हैदराबाद स्थित मुख्यालय बस्तर या रायपुर में स्थान्तरित किया जाये तभी क्षेत्र के लोगों की उपेक्षा से निजात मिल सकेगी इस्पात संयंत्र में केवल क्षेत्रिय भूदाताओं के परिवार को रोजगार दिये जाने की अनिवार्यता सुनिश्चित हो साथ ही बस्तर एवं छग की योग्य युवा प्रतिभाओं को भी प्राथमिकता के साथ अवसर का लाभ मिले। उसके बाद ही अन्य क्षेत्र के प्रतिभाओ को अवसर को दिया जाये।
अन्य नेताओं ने भी धरना को संबोधित किया। सभी ने नगरनार इस्पात संंयंत्र को निजी हाथों में सौंपे जाने का पूरजोर विरोध किया। नेताओं ने कहा कि जनता कांग्रेस छग (जे) के संस्थापक श्री जोगी ने कहा है कि बस्तर अब अन्याय और अत्याचार नहीं सहेगा। अगले महिने 15 अगस्त तक नगरनार इस्पात संयंत्र को निजीकरण के जन विरोधी फैसले से आजादी नहीं मिले तो बस्तर का लोहा बाहर जाने नहीं देंगे।
पार्टी का हर एक कार्यकर्ता रेल की पटरी लेट जायेगा। अपनी जान दे देगा लेकिन नगरनार इस्पात संयंत्र को निजी हाथों में नहीं जाने देगा। नेताओं ने पांच मांगों के विषय में कहा कि नगरनार इस्पात संयंत्र के निजीकरण का फैसला तत्काल वापस लिया जाये।
बस्तर की खनिज संपदा को दोहन करने वाली सरकारी कंपनियां अगर बस्तरवासियों को रोजगार नहीं देती तो उन्हें बस्तर की खनिज संपदा का दोहन करने नहीं दिया जायेगा। संयंत्र के लिए जमीन देने वाले किसानों को तत्काल नौकरी दी जाये।
एनएमडीसी का मुख्यालय हैदराबाद से बस्तर लाया जाये। एनएमडीसी के सीएसआर मद्द में बढोत्तरी की जाये ताकि बस्तर का चौमुखी विकास हो सके।


